गुजरी । प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लचर व्यवस्थाओं पर आंसू बहा रहा है। कोई भी जिम्मेदार अधिकारी इस ओर ध्यान देने को तैयार नहीं है। इसकी सजा गांव सहित आसपास क्षेत्र से आने वाले मरीजों को भुगतनी पड़ रही है। अस्पताल में समय पर डाक्टर नहीं मिलते। मरीजों को दवाई भी नहीं मिल रही है। निजी मेडिकल स्टोर्स से दवाई खरीदनी पड़ रही है। सफाई नहीं होने से परिसर में चारों तरफ गंदगी पसरी पड़ी है।
गंगाराम मोहरे निवासी जहांगीरपुरा ने बताया कि मैं अपने घर में कार्य कर रहा था। तभी पैर में चद्दर की लग गई। मैं सुबह 10ः30 बजे सरकारी अस्पताल ड्रेसिंग कराने गया, तो वहां न तो डाक्टर थे, न स्टाफ का कोई कर्मचारी। इस पर मैं वापस घर आ गया। सुबह 11 बजे गया, तो वहां कर्मचारी मिले। उन्होंने कहा कि अभी बैठों, ड्रेसिंग करने वाले डाक्टर नहीं आए हैं। मैं सुबह 11ः30 बजे तक बैठा रहा। किसी ने भी ड्रेसिंग नहीं की। इसके बाद एक कर्मचारी ने कहा कि आप बाहर के मेडिकल से टिटनेस का इंजेक्शन एवं पट्टी लेकर आ जाओ। इस पर मैंने कहा कि सारा सामान मैं बाहर मेडिकल से ला रहा हूं, तो ड्रेसिंग भी बाहर ही करवा लूंगा और मैं उठकर आ गया। निजी हॉस्पिटल में मैंने 150 रुपये खर्चकर पैर की ड्रेसिंग करवाई।
तीन घंटे में चले जाते हैं
अस्पताल में जिम्मेदार अधिकारियों की अनदेखी कारण स्टाफ मनमर्जी से कार्य कर रहा है। मंगलवार सुबह देखा गया कि सुबह 10ः30 बजे तक अस्पताल में कोई डॉक्टर मौजूद नहीं था। डॉक्टर सुबह 11 बजे आते हैं और दोपहर दो बजे चले जाते हैं। इसके बाद अस्पताल लावारिस हालत में रहता है। समस्याओं को लेकर कई बार बीएमओ ब्रह्मराज कौशल को अवगत कराया, लेकिन ध्यान नहीं दिया जा रहा है।