नगर मुख्यालय से लगभग ६ कि.मी. दूर स्थित ग्राम पंचायत सिहोरा के शासकीय एकीकृत माध्यमिक स्कूल में पदस्थ प्रभारी प्रधानपाठिका श्रीमती गौरी भोंडेकर के द्वारा ७ सितंबर को समय से पहले ही बच्चों की छुट्टी कर स्कूल बंद कर दिया गया। जिससे स्कूल में अध्ययनरत बच्चों के अभिभावक एवं ग्रामीणजनों में आक्रोश व्याप्त है। साथ ही स्कूल में अध्ययनरत बच्चों के अभिभावक एवं ग्रामीणों ने स्कूल के प्रभारी प्रधानपाठिका एवं शिक्षकों पर समय से पहले छुट्टी कर देने, समय पर स्कूल नही पहुंचने व हर समय लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए प्रभारी प्रधानपाठिका श्रीमती गौरी भोंडेकर सहित अन्य शिक्षकों पर कार्यवाही करने की मांग की है। वहीं ७ सितंबर को दोपहर २.३० बजे समय से पहले बच्चों की छुट्टी कर स्कूल बंद हो जाने की जानकारी लगने के बाद स्कूल में अध्ययनरत बच्चों के अभिभावक एवं ग्रामीणजन स्कूल पहुंचकर लापरवाही बरतने वाले शिक्षकों के प्रति आक्रोश व्यक्त करते हुए विरोध किया और बीआरसी श्रीराम तुरकर को घटना की जानकारी दी गई कि ७ सितंबर को कोई अवकाश नही होने के बाद भी सिहोरा स्थित शासकीय एकीकृत माध्यमिक स्कूल के बच्चों की दोपहर २.३० बजे छुट्टी कर स्कूल बंद कर दिया गया है और लगातार प्रधानपाठिका एवं शिक्षकों के द्वारा लापरवाही बरतते हुए समय पर स्कूल नही आते है और समय के पहले ही चले जाते है जिससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है इसलिए संबंधित शिक्षक व प्रधानपाठिका पर कार्यवाही करें। जिसके बाद बीआरसी श्रीराम तुरकर के निर्देश पर जनशिक्षक श्री भलावी तत्काल स्कूल पहुंचे तो पाया कि स्कूल बंद है और ग्रामीणजन स्कूल में मिले। जिसके बाद ग्रामीणजनों की उपस्थिति में पंचनामा कार्यवाही कर बीआरसी को अग्रिम कार्यवाही के लिए पत्र प्रेषित किया गया। वहीं बच्चों के अभिभावक एवं ग्रामीणों की शिकायत पर बीआरसी श्रीराम तुरकर के द्वारा समय से पहले छुट्टी कर स्कूल बंद कर देने एवं कार्य के प्रति लापरवाही बरतने पर प्रभारी प्रधानपाठिका को कारण बताओं नोटिस जारी किया गया है।
आपकों बता दे कि शिक्षा विभाग के द्वारा सभी शासकीय स्कूलों के प्राचार्य, प्रधानपाठक एवं शिक्षक व शिक्षिकाओं को कड़े निर्देश दिये गये है कि प्रात: १०.३० बजे से शाम ४.३० बजे तक स्कूल में रहकर शिक्षा अध्यायपन कार्य संपन्न करवाना है एवं लापरवाही बरतने वाले शिक्षकों पर कार्यवाही की जायेगी उसके बावजूद भी कुछ शिक्षक व शिक्षिकाओं के द्वारा लापरवाही बरती जाती है जिससे छात्र-छात्राओं की पढ़ाई प्रभावित होने के साथ ही अभिभावक व ग्रामीणजनों में शिक्षकों के प्रति नाराजगी देखी जाती है। साथ ही ग्राम पंचायत सिहोरा स्थित शासकीय एकीकृत माध्यमिक स्कूल में १ प्रधानपाठिका एवं ४ शिक्षक पदस्थ है और ७ सितंबर को प्रभारी प्रधानपाठिका श्रीमती गौरी भोंडेकर एवं शिक्षक कुंवरसिंह टेकाम स्कूल पहुंचे थे एवं जयराम कावड़े, विद्या चंद्रवार आवेदन देकर अवकाश पर थे एवं बीआर डोंगरे बीआरसी में मास्टर ट्रैनर बनकर प्रशिक्षण दे दे रहे है। इस तरह स्कूल में दो ही शिक्षक थे जिसमें से शिक्षक कुंवरसिंह टेकाम बच्चों को लेकर संकुल नेवरगांव ला. खेल-कुद प्रतियोगिता के लिए लेकर गये थे एवं स्कूल में प्रभारी प्रधानपाठिका श्रीमती गौरी भोंडेकर थी जिन्होने कक्षा १ से ८ तक के बच्चों को अकेली संभाल रही थी यानि शिक्षा अध्यापन कार्य संपन्न करवा रही थी और दोपहर ढाई बजे के बाद बच्चों की छुट्टी एवं स्कूल बंद कर घर चले गई थी। जब बच्चे अपने घर पहुंचे तो पालकों ने उनसे जल्दी घर आने की बात पूछी तो उनका कहना था कि शिक्षकों के द्वारा किसी कारणवश जल्दी छुट्टी कर दी गई है इसलिए हम घर आ गये। इस संबंध में जब ग्रामीणों ने अन्य स्कूलों से जानकारी प्राप्त की तो अन्य स्कूलों में कक्षाएं संचालित हो रही थी, कोई भी स्कूल समय से पूर्व बंद नहीं हुए थे। जिसके बाद अभिभावक व ग्रामीणजन आक्रोशित हो गये और स्कूल पहुंचकर समय से पहले छुट्टी कर देने एवं प्रभारी प्रधानपाठिका व शिक्षक के गायब हो जाने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए बीआरसी को घटना की जानकारी दी गई। जिसके बाद जनशिक्षक श्री भलावी स्कूल पहुंचे तो पाया कि शिक्षक समय से पहले स्कूल बंद करके जा चुके थे और स्कूल में ताला लगा हुआ था। जिसके बाद अभिभावक व ग्रामीणों की उपस्थिति में पंचनामा तैयार कर लापरवाही बरतने वाले शिक्षकों पर कार्यवाही करने उच्चाधिकारियों को पत्र प्रेषित किया गया। वहीं बच्चों के अभिभावक व ग्रामीणों ने स्कूल में पदस्थ प्रभारी प्रधानपाठिका एव स्कूल में पदस्थ अन्य शिक्षकों पर समय पर स्कूल नही आने, बच्चों को सही तरीके से नही पढ़ाई एवं लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए कार्यवाही करने की मांग की है।
दूरभाष पर चर्चा मेंं शासकीय एकीकृत माध्यमिक स्कूल सिहोरा के प्रभारी प्रधानपाठिका श्रीमती गौरी भोंडेकर ने बताया कि स्कूल में ५ शिक्षक पदस्थ है जिसमें से ७ सितंबर को दो शिक्षक अवकाश पर थे एवं एक शिक्षक बीआरसी में प्रशिक्षण देने गये है, आज स्कूल में मै और श्री टेकाम सर आये थे परन्तु नेवरगांव ला. संकुल में खेल-कूद प्रतियोगिता होने के कारण श्री टेकाम सर बच्चों को लेकर नेवरगांव ला. संकुल चले गये थे और मैं स्कूल में थी परन्तु मेरा अचानक स्वास्थ्य खराब होने पर मुझे घर जाना था इसलिए मैंनेे जनशिक्षक श्री तुरकर एवं शिक्षक श्री टेकाम को जानकारी दी कि मुझे घर जाना है, टेकाम सर आप स्कूल आ जाये परन्तु वे खेल-कूद प्रतियोगिता क में फंसे होने के कारण स्कूल नही आ पाये ऐसी स्थिति में दोपहर ३.१० बजे बच्चों की छुट्टी कर मुझे घर आना पड़ा। साथ ही यह भी बताया कि शिक्षकों के द्वारा समय पर स्कूल नही आने का ग्रामीणजनों ने जो आरोप लगाया है सभी आरोप निराधार एवं बेबुनियाद है, हम लोग समय पर स्कूल पहुंचकर शिक्षा अध्यापन कार्य करवाते है।