समाज से बहिस्कृत तरूण चौबेकर मांग रहा न्याय अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को सुनाई व्यथा

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आज भी हम रूढ़ीवादी प्राचीन सभ्यता को मान रहे है। भले ही हम किसी भी समाज का प्रतिनिधित्व करे मगर किसी प्रकार की गलती होने पर उसे अर्थात पीडि़त परिवार को समाज निकाला दे दिया जाता है। सुख का कार्यक्रम हो या दुख का लोग यह यन समझने को तैयार ही नही है कि अब हम २१ वीं सदी में है। ऐसा ही एक मामला लालबर्रा जनपद पंचायत अंर्तगत आने वाले ग्राम पंचायत मोहगॉव धपेरा का है जहा एक युवक को समाज से बहिस्कृत कर दिया गया। यह युवक उसकी मॉ के देहांत के अंतिम संस्कार के बाद पूरे कार्यक्रम निपटाकर सिर्फ कार में बैठकर क्यों आया इसी बात को लेकर उसे समाज से बहिस्कृत करने का फैसला समाज के वरिष्ठ जनों ने लिया। यह घटना आज से करीब डेढ़ वर्ष पुरानी है। आज भी युवक के घर में होने वाले किसी भी प्रकार के सामाजिक समारोह में न तो समाज के लोग शामिल हो रहे है और ना ही ग्राम के जिससे युवक मानसिक रूप से प्रताडि़त हो रहा है और उसने इस बात की शिकायत पुुुलिस, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व व कलेक्टर तक की है। मगर जॉच प्रारंभ नही हुई है। इसी कड़ी में युवक ने २१ जून को अनुविभागीय अधिकारी राजस्व से मिलकर न्याय की गुहार लगाई। जिस पर अनुविभागीय अधिकारी राजस्व नेे उसे सांत्वना देते हुये तत्काल इस प्रकरण का निराकरण करवाये जाने का आश्वासन दिया है। उक्त युवक का नाम तरूण चौबेकर है जो माली समाज से ताल्लुक रखता है। जीजाजी को भी किया समाज से बहिस्कृत अनुविभागीय अधिकारी राजस्व से मिलने पहुॅचे तरूण चौबेकर ने उन्हे बताया कि उनकी माता श्री का देहांत डेढ़ वर्ष पूर्व हुआ था। इस दौरान सभी ग्रामवासी व समाज के लोगो ने इसमे शामिल होकर उनकी मॉ को अंतिम बिदाई दी थी। इसके बाद सभी लोग घर लौटकर आ गये वही वे किसी परिचित या ग्रामवासी की कार सें घर पहुॅचे और घर में होने वाले रितिरिवाजों को पूरा किया। २ -३ दिन बाद उन्हे पता चला की उन्हे समाज से बहिस्कृत कर दिया गया है। वे माली समाज से आते है। जब उन्होने समाज के पदाधिकारियों से बात की तो उन्होने कहा कि हम तुमसे कोई बात नही करना चाहते है। जिसके बाद तेरवी के कार्यक्रम में कोई नही आये बल्कि उनके जीजाजी जो आये थे उन्हे भी समाज से बहिस्कृत कर दिया गया है। पुलिस से भी नही मिला न्याय इस मामलें में अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कामनी ठाकुर को बताते हुये तरूण ने कहा कि उसने इस मामले की रिपोर्ट तक पुलिस में दर्ज की है मगर अभी तक उसे न्याय नही मिला है। सार्वजनिक नल या कुऐं पर पानी ले जाने के दौरान दूर हट जाते है लोग तरूण ने अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को बताया कि अगर वे या उनके परिवार के लोग पानी लेने तक सार्वजनिक स्थल पर जाते है तो जो लोग पानी भर रहे है वे लोग अपने पानी के पात्र जिसमें पानी भरा है उसे खाली कर देते है और दूर हट जाते है। जिससे हम लोग अपमानित होकर जी रहे है। ऐसे में हम गरीब लोगों का ग्राम में रहना दुश्वर हो गया है कोई हमे चमकाता है तो कोई धमकाता है। ऐसे में हम न्याय चाहते है।

इनका कहना है –

इस मामले में अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कामनी ठाकुर ने मौखिक रूप से बताते हुय कहा कि अगर इस तरह का कृत्य जिन लोगों के द्वारा भी किया जा रहा है। उन पर हमारे द्वारा उचित कार्यवाही की जायेगी। साथ ही हमने पीडि़त को इस मामले की पुन: शिकायत थाना में दर्ज कराये जाने की बात कही है। ताकि उसे समाज में पुन: उचित स्थान प्राप्त हो।

कामनी ठाकुर अनुविभागीय अधिकारी राजस्व

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