देश में समान नागरिक संहिता लागू करने को लेकर केंद्र सरकार आगे बढ़ रही हैं। इस मामले को लेकर देश भर में चर्चाओं का दौर शुरू हैं। इस बीच समान नागरिक संहिता को लेकर आदिवासी समुदाय बहुत ज्यादा चिंतित हैं और आदिवासी समाज ने समान नागरिक संहिता का विरोध किया हैं। आदिवासी समाज के प्रतिनिधियों ने इस मामले में खुलकर चर्चा करते हुये कहा कि यूसीसी ना सिर्फ आदिवासी वर्ग बल्कि एससी,एसटी और पिछड़ा वर्ग के लिये भी नुकसानदायक हैं। चूंकि आदिवासी समाज की अलग पहचान हैं। परम्परा व संस्कृति हैं। जल जंगल व जमीन पर आधारित हैं। उसे बचाये हुये हैं। विवाह से लेकर तमाम तरह के संस्कार हैं। लेकिन यूसीसी के लागू होने से उनके इन संस्कार व परम्परा पर असर होगा और संभव हैं कि वर्तमान में मनुवादी विचारधारा को उन पर ािोप दिया जायेगा। जैसे की वे मूर्ति पूजन नहीं करते हैं पर इस कानून के लागू होने पर हमें मूर्ति पूजन के लिये बाध्य कर देगें। कई परम्परा को मानने से रोक दिया जायेगा।