समूचे मध्यप्रदेश में आज सूर्य ग्रहण का आंशिक असर रहेगा। यह ग्रहण सायंकाल 04:26 बजे से प्रारंभ होगा और सूर्यास्त के बाद समाप्त होगा। यह चालू साल का अंतिम सूर्यग्रहण होगा। आज के सूर्य ग्रहण को प्रदेश के किसी भी जिले, गांव, कस्बे में देखा जा सकेगा। यद्यपि राज्य के आकाश में सूर्यग्रहण आंशिक रूप से ही दिखाई देगा। भारत के नागरिकों के लिए इस ग्रहण को समाप्त होते हुए देखना संभव नहीं हो पाएगा क्योंकि ग्रहण समाप्ति से पहले ही भारत में सूर्यास्त हो चुका होगा। भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अंतर्गत विज्ञान प्रसार, नई दिल्ली से मान्यता प्राप्त आगर मालवा के नलखेड़ा स्थित विपनेट साइंस क्लब इनोवेशन वर्कशाप के शैलेंद्र कसेरा ने इस सूर्य ग्रहण को लेकर विशेष अध्ययन किया है। उज्जैन में इस आंशिक सूर्य ग्रहण का आरंभ उज्जैन में शाम 4 बजकर 41 मिनट पर होगा, जो शाम 5 बजकर 38 मिनट पर अपने सर्वोधा स्तर पर होगा। यद्यपि उज्जैन में सूर्यास्त के चलते शाम 5 बजकर 53 मिनट के बाद सूर्य ग्रहण नहीं दिखाई देगा। यहां ग्रहण की अवधि प्रारंभ होने से सूर्यास्त के समय तक एक घंटे 48 मिनट रहेगी। इंदौर में शाम 4 बजकर 42 मिनट पर ग्रहण की शुरुआत होगी और शाम 5 बजकर 53 मिनट पर खत्म होगा। 5 बजकर 38 मिनट पर यहां सूर्य ग्रहण सर्वोधा स्तर पर होगा। इस दौरान चंद्रमा सूर्य के 31.66 फीसदी हिस्से को ढक लेगा। यहां ग्रहण की अवधि प्रारंभ होने से सूर्यास्त के समय तक एक घंटे 47 मिनट रहेगी। भोपाल में अधिकतम ग्रहण के समय चंद्रमा द्वारा सूर्य के आच्छादन का प्रतिशत 32.19 रहेगा, जो इंदौर से अधिक होगा। भोपाल में सूर्यास्त होने तक कुल 1 घंटे 47 मिनट तक ग्रहण की स्थिति दिखाई देगी। जबलपुर में अधिकतम ग्रहण के समय चंद्रमा द्वारा सूर्य के आच्छादन का प्रतिशत लगभग 30.31 प्रतिशत होगा। ग्रहण की अवधि प्रारंभ से लेकर सूर्यास्त के समय तक जबलपुर में 1 घंटे 43 मिनट की होगी। इन प्रमुख शहरों के अलावा मध्य प्रदेश के प्रत्येक शहर, गांव, कस्बे में भी सूर्य ग्रहण देखा जा सकेगा। आसमान में होने वाली इस खगोलीय घटना को देखने में अत्यंत सावधानी बरतनी होगी। इसे नंगी आंखों से कतई न देखें क्योंकि सूर्य की तेज किरणें आखों को नुकसान पहुंचा सकती हैं। जब चंद्रमा सूर्य के अधिकतम हिस्से को ढंक दे, तब भी इसे खाली आंखों से देखना खतरनाक है। इससे आंखों को स्थायी नुकसान पहुंच सकता है। सूर्य ग्रहण को टेलीस्कोप और धूप से आंखों को बचाने वाले काले चश्मों से भी नहीं देखना चाहिए।