इंदौर: नगर निगम को सरकारी विभागों से टैक्स वसूली में काफी दिक्कत आ रही है। 20 से ज्यादा विभागों पर 212 करोड़ रुपए का बकाया है। इनमें सबसे बड़ा बकायादार IDA है, जिस पर 68 करोड़ रुपए बकाया है। हालांकि, आम जनता से टैक्स वसूली में निगम को अच्छी सफलता मिली है। नवंबर तक 423 करोड़ रुपए से ज्यादा टैक्स जमा हो चुका है, जो पिछले साल से 94 करोड़ रुपए ज्यादा है। इस बढ़ोतरी में संपत्ति कर और जलकर का बड़ा योगदान है।
टैक्स नहीं कर रहे हैं जमा
बिल्डिंग कंपाउंडिंग और बेटरमेंट चार्ज में कोई राशि जमा नहीं हुई है। जलकर वसूली में निगम ने अच्छा प्रदर्शन किया है, पिछले साल के मुकाबले 62 करोड़ रुपए ज्यादा वसूली हुई है। मीडिया से बात करते हुए मेयर ने बताया कि निगम की देनदारी 800 करोड़ से घटकर 400 करोड़ रह गई है। वहीं, निगम कमिश्नर शिवम वर्मा के अनुसार, इस साल राजस्व संग्रह लक्ष्य के अनुसार हुआ है। अगर ये 212 करोड़ रुपए मिल जाते हैं तो शहर में कई विकास कार्य हो सकते हैं।
छूट रहे पसीने
इंदौर नगर निगम, जो आम जनता से टैक्स वसूली में सख्ती बरतता है, सरकारी विभागों से बकाया वसूलने में पसीना बहा रहा है। 20 से अधिक सरकारी और कुछ निजी विभागों पर निगम का 212 करोड़ रुपए बकाया है। इनमें सबसे बड़ा बकायादार इंदौर विकास प्राधिकरण (IDA) है, जिस पर स्कीम 166 समेत अन्य मदों में 68 करोड़ 44 लाख रुपए का बकाया है। एमजीएम, पीडब्ल्यूडी और औद्योगिक इकाइयां भी बकायादारों की सूची में शामिल हैं।