सहकारी संस्थाओं का कार्यकाल खत्म होने के बाद 1 साल के अंदर चुनाव कराने का नियम है। इस संबंध में सहकारिता विभाग द्वारा मुख्यमंत्री को प्रस्ताव भेजा गया था। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार 1 साल की बाध्यता को समाप्त करने का प्रस्ताव सरकार को भेजने का निर्देश मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा दिया गया है।
सहकारिता विभाग के अनुसार सरकार या तो 1 साल की समय सीमा को हटाए,अथवा चुनाव कार्यक्रम जारी करने की अनुमति प्रदान करे। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव को देखते हुए सरकार इस वर्ष सहकारी संस्थाओं के चुनाव कराने के लिए तैयार नहीं है। ऐसा माना जा रहा है,कि 1 साल की बाध्यता को समाप्त करने का नियम हटाने का प्रस्ताव जल्द ही सहकारिता विभाग द्वारा कैबिनेट में भेजा जाएगा।
कई सहकारी संस्थाओं के चुनाव पिछले कई वर्षों से नहीं हुए हैं। कुछ क़े प्रकरण न्यायालय में कई वर्षों से विचाराधीन हैं। मध्य प्रदेश राज्य सहकारी संघ के चुनाव पिछले 18 वर्षों से नहीं होने का एक रिकॉर्ड है। इसी तरह राज्य सहकारी विपणन संघ और लघु वनोपज संघ के चुनाव भी नहीं हुए हैं। विधानसभा चुनाव के पहले सरकार कोई रिस्क लेने के मूड में नहीं है।