सात दिन में 72 नए मरीज मिले, एक की मौत

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महाराष्ट्र की सीमा से सटे जिले में कोरोना का संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है। प्रशासन द्वारा सीमाओं पर कड़ी निगरानी के साथ ही धारा 144 के प्रविधान भी लागू कर दिए हैं, लेकिन बेपरवाही से मरीजों की संख्या में तेजी आ रही है। पिछले सात दिन के भीतर जिले में 72 नए मरीज सामने आ चुके हैं जबकि एक मरीज की कारोना संक्रमण

बैतूल (नवदुनिया प्रतिनिधि)। महाराष्ट्र की सीमा से सटे जिले में कोरोना का संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है। प्रशासन द्वारा सीमाओं पर कड़ी निगरानी के साथ ही धारा 144 के प्रविधान भी लागू कर दिए हैं, लेकिन बेपरवाही से मरीजों की संख्या में तेजी आ रही है। पिछले सात दिन के भीतर जिले में 72 नए मरीज सामने आ चुके हैं जबकि एक मरीज की कारोना संक्रमण के कारण उपचार के दौरान मौत हो गई है। वर्तमान में जिले में कोरोना के 121 एक्टिव मरीज हैं, जो एक मार्च को मात्र 90 थे। जिला अस्पताल में सिविल सर्जन के कोरोना संक्रमित होने के बाद बिना मास्क लगाए प्रवेश पर जहां पाबंदी लगा दी गई है वहीं स्वास्थ्य अमले को विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश कलेक्टर ने दिए हैं। महाराष्ट्र के रास्ते जिले में कारोना के नए स्ट्रेन की दस्तक न हो सके इसके लिए जिला प्रशासन ने भैंसदेही, मुलताई तहसील से सटी सीमा पर जांच चौकी बना दी हैं। सभी स्थानों पर आने-जाने वालों की निगरानी की जा रही है। महाराष्ट्र से जो भी जिले में प्रवेश कर रहे हैं उनकी थर्मल स्क्रीनिंग करने के साथ ही उनके निवास और संपर्क नंबर की जानकारी भी संकलित की जा रही है। खंबारा में स्थित टोल बैरियर पर थर्मल स्क्रीनिंग करने के लिए कर्मचारियों की तैनाती भी की गई है।

नहीं हो रही नजदीकी संपर्कों की खोजः

जिले में स्वास्थ्य विभाग के अमले को भले ही मुस्तैदी से कोरोना का संक्रमण रोकने के लिए निर्देश दिए गए हैं लेकिन हर स्तर पर लापरवाही बरती जा रही है। महाराष्ट्र से जिले में आने के बाद कोरोना संक्रमित पाए गए लोगों के नजदीकी संपर्क के लोगों का पता लगाने के लिए स्वास्थ्य विभाग का अमला 15 दिन बाद हरकत में आ रहा है। इतना ही नहीं उनके सैंपल तक नहीं लिए जा रहे हैं। सेहरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अंतर्गत आने वाले एक गांव में तीन लोग महाराष्ट्र से आने के बाद 17 फरवरी को कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। इनके नजदीकी संपर्क के लोगों की पड़ताल करने की जहमत स्वास्थ्य विभाग ने छह मार्च को उठाई थी। संक्रमित हुए मरीज स्वस्थ हो गए और तब विभाग के कर्मचारी उनसे संपर्क कर रहे हैं। मरीजों ने बताया कि उन्हें संक्रमण का शिकार हुए 17 दिन बीत चुके हैं, लेकिन अब तक डिस्चार्ज तक नहीं किया गया है।

अस्पताल में बिना मास्क प्रवेश बंदः

जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. अशोक बारंगा के कोरोना संक्रमित होने के बाद अस्पताल में संक्रमण की रोकथाम के लिए सख्ती कर दी गई है। यहां आने वाले मरीजों और उनके परिजनों को बिना मास्क के अस्पताल के भीतर प्रवेश नहीं दिया जा रहा है। सभी को मास्क लगाना अनिवार्य कर दिया है। निगरानी के लिए जिला अस्पताल के मुख्य द्वार पर सुरक्षा गार्ड को तैनात किया गया है। समझाइश के बाद भी कोई मास्क नहीं पहनता है तो उससे 200 रुपये का जुर्माना वसूल करने का भी प्रावधान किया गया है।

बेपरवाही पर हो रही सख्तीः

जिले में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए सभी लोगों को मास्क लगाने और उचित दूरी का पालन करने के लिए समझाइश दी जा रही है। इसके बाद भी लोग संक्रमण से बेफिक्र होकर बिना मास्क पहने घूम रहे हैं। पुलिस और प्रशासन की टीम द्वारा लगातार ऐसे लोगों पर जुमाना किया जा रहा है। इसके बाद भी लोग बेपरवाही बरत रहे हैं जिससे संक्रमण थम नहीं पा रहा है।

11 नए मरीज मिलेः

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. डब्ल्यूए नागले ने बताया कि शनिवार को 11 नए कोरोना मरीज मिले हैं। इनमें वार्ड नं. 7 आमला निवासी 35 वर्षीय पुरुष, काजली मुलताई निवासी 65 वर्षीय महिला, भगतसिंह वार्ड मुलताई निवासी 63 वर्षीय पुरुष, आंबेडकर वार्ड निवासी मुलताई 63 वर्षीय पुरुष, घोड़ाडोंगरी निवासी 22 वर्षीय युवती, पटेल वार्ड मुलताई निवासी 55 वर्षीय पुरुष, सुयोग कालोनी कालापाठा विकास नगर बैतूल निवासी 56 वर्षीय महिला, जीन दनोरा निवासी 19 वर्षीय युवती, मांडवी आठनेर का (काली चट्टान कालापाठा बैतूल) निवासी 45 वर्षीय पुरुष, सिवनपाठ आठनेर निवासी 26 वर्षीय युवती एवं वार्ड नं. 15 भैंसदेही निवासी 26 वर्षीय पुरुष शामिल हैं।

ऐसे बढ़ता जा रहा कोरोना का संक्रमण—

दिनांक———मरीज

28 फरवरी- 12

1 मार्च- 06

2 मार्च-07

3 मार्च-14

4 मार्च-13

5 मार्च-09

6 मार्च-11

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