प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत हर गरीब को पक्का आवास देने की केंद्र सरकार की मंशा अधूरी नजर आ रही है क्योंकि जनपद पंचायत लालबर्रा अंतर्गत वर्ष २०२२ में पीएम आवास प्लस योजना के तहत ३००० हितग्राहियों के खाते में प्रथम किस्त की राशि आ चुकी है और हितग्राहियों के द्वारा आवास निर्माण के नाम पर किस्त तो प्राप्त कर ली गई है परंतु कुछ हितग्राहियों के द्वारा उसका उपयोग उनके द्वारा आवास के निर्माण में न करते हुए अपनी अन्य कार्याे में कर लिया गया है जिसके कारण वर्तमान समय तक १४०० मकानों का निर्माण कार्य प्रारंभ नही हुआ है। ऐसी स्थिति पर जनपद पंचायत लालबर्रा पीएम आवास निर्माण के लक्ष्य को प्राप्त करने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है। स्थानीय अधिकारी-कर्मचारियों पर उच्चाधिकारियों का बार-बार दबाव बनने से वे परेशान भी नजर आ रहे है। वहीं जनपद पंचायत के अधिकारी-कर्मचारी, पंचायत के रोजगार सहायक व सचिव हितग्राहियों के घर पहुंचकर पीएम आवास का निर्माण कार्य प्रारंभ करने नोटिस जारी कर रहे है परन्तु संतोषजनक जवाब नही मिलने के कारण उन्हे बैरंग वापस लौटना पड़ रहा है और हितग्राहियों के द्वारा आवास का निर्माण नही करने के कारण कर्मचारी अपने प्रधानमंत्री आवास योजना के लक्ष्य को पूरा नहीं कर पा रहे है। वहीं जिन हितग्राहियों के खातों में राशि आ चुकी है और पीएम आवास का निर्माण कार्य प्रारंभ नही किया है उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के साथ ही राशि वापसी की भी कार्यवाही की जायेगी।
२०२४ तक सभी को पक्का घर देने का है लक्ष्य
प्रदेश के हर जरूरतमंद को वर्ष २०२४ तक पक्का घर देने का लक्ष्य है और इस लक्ष्य को पूरा करने पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने आवास उपलब्ध करवाने की गति को बढ़ा दी है बावजूद इसके ग्रामीण क्षेत्रों में आवास नही मिलने की शिकायतें सामने आ रही है और जो स्वीकृत हो चुके है उनके कार्य अधुरे पड़े हुए है। पीएम आवास के लक्ष्य को पूरा करने के लिए शासन का प्रशासनिक अधिकारियों पर दवाब बन रहा है ऐसी स्थिति में अधिकारी-कर्मचारी हितग्राहियों से बार-बार संपर्क कर निर्माण कार्य प्रारंभ करने प्रेरित कर रहे है उसके बावजूद भी निर्माण कार्य शुरू नही कर रहे है। ऐसी स्थिति में उनके द्वारा अपने वरिष्ठ अधिकारियों को वास्तविक स्थिति से अवगत करवाया गया तो उन्होने ऐसे हितग्राही जिनके खाते में राशि आ चुकी है एवं नोटिस जारी करने के बाद भी आवास का निर्माण कार्य प्रारंभ नही करने वाले हितग्राहियों पर एफआईआर दर्ज करवाने की बात कही है जिससे हितग्राहियों में दहशत का माहौल निर्मित हो गया है। वहीं हितग्राहियों का कहना है कि शासन के द्वारा जितनी राशि दी जा रही है इस बढ़ती महंगाई में उक्त राशि में मकान बनाना संभव नही होने की बात कही जा रही है और एफआईआर दर्ज करवाने की बात को उन्होने न्यायोचित करार दिया है और शासन से नगरीय पंचायत की तरह ढाई लाख रूपये ग्रामीण क्षेत्र के हितग्राहियों को दिये जाने की मांग की है ताकि इस बढ़ती महंगाई में पक्का मकान बन सके।
चर्चा में जनपद पंचायत लालबर्रा के सीईओं गायत्रीकुमार सारथी ने बताया कि लालबर्रा जनपद में पीएम आवास प्लस के ३००० हित ग्राहियों के खातों में २७ मई के आसपास राशि डाली गई है जिसके बाद चुनाव की प्रक्रिया शुरू एवं बरसात प्रारंभ हो गई जिसका बहाना बताते हुए हितग्राहियों ने आवास का निर्माण कार्य शुरू नही किया था जिसके कारण हम लोगों की प्रगति पीछे आ गई थी और कई बार राज्य सरकार से हमें सीए भी जारी किया गया जिसके बाद जनपद का पूरा अमला हितग्राहियों के घर बार-बार पहुंचकर उन्हे मकान निर्माण करवाने प्रेरित किया गया कि आवास का निर्माण करवाये अन्यथा निरस्त हो जायेगा जिसका प्रभाव है कि एक महीने पूर्व ३ हजार मकान अप्रारंभ थी वर्तमान में १६ सौ मकानों का कार्य प्रारंभ हो गया है एवं १४ सौ मकान अप्रारंभ रह गये है। श्री सारथी ने बताया कि दीपावली के बाद मंडई का दौर समाप्त होने के बाद स्थिति बहुत अच्छी सुधर जायेगी और सभी का निर्माण कार्य प्रारंभ हो जायेगा एवं वर्तमान में जिन लोगों ने कच्चे आवास को तोडऩे व निर्माण कार्य शुरू नही किये है उन्हे नोटिस दिया गया है कि वे तत्काल अपना कार्य प्रारंभ करवाये अन्यथा दी गई राशि वापस ली जायेगी और किसी ने खाते से राशि निकाल ली है और आवास नही बना रहा है यह गबन की श्रेणी में आता है ऐसी स्थिति में उनके खिलाफ एफआरआई भी दर्ज करवाई जायेगी।