सावन का पहला सोमवार आज, शिवालयों में उमड़ेगी श्रद्धालुओं की भीड़

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भगवान शिव की आराधना का पावन महीना “सावन” पिछले मंगलवार से शुरू हो चुका है। जहां आज सोमवार को सावन मास का पहला सावन सोमवार है।पहले ही सावन सोमवार से नगर सहित जिले के तमाम शिव मंदिरों में बड़ी संख्या में शिव भक्तों का जन सैलाब देखने को मिलेगा। जहा भक्त भगवान शिव का जलाभिषेक कर उनकी विशेष पूजा अर्चना करते नजर आएंगे। सावन के पवित्र माह को देखते हुए मंदिरों में इस बार विशेष व्यवस्थाएं देखने को मिल रही है। जहां सावन मास के इस पावन महीने को देखते हुए जिले के तमाम शिवालयों को रंग रोगन कर आकर्षक रूप से सजाया गया है तो वही भक्तों के आने जाने ,उनके पूजा करने सहित अन्य कार्यक्रमों के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं। बताया जा रहा है कि इस बार सावन का महीना 2 माह का होगा और यह सयोग 19 वर्ष बाद बन रहा है। जहां इस साल 4 की जगह 8 सावन सोमवार होंगे। वही एक बार फिर से जिले भर में जगह-जगह कावड़ यात्रा की धूम देखने को मिलेगी।

इन शिवालयों में बम बम भोले के गूंजेंगे जयकारे, लगेगा मेला
सावन मास शुरु होने के साथ ही सोमवार से पहले सावन सोमवार की शुरुआत होगी जहां भगवान शिवशंकर की भक्ति के लिए भक्तों का तांता शिव मंदिरों में सुबह से ही नजर आएगा ।जिसका क्रम देर रात तक जारी रहेगा। बालाघाट जिले में कोटेश्वर धाम के साथ ही भंगवान शंकर के प्राचीन व सिद्ध पीठ मंदिर है। जिनमें शंकर घाट स्थित शंकर मंदिर, डोंगरगांव की पहाड़ी पर गुफा के अंदर विराजित बाबा गुप्तेश्वर मंदिर, रमरमा की पहाड़ी पर विराजित रमरमा महादेव, कटंगी के भसियागंढ़ की पहाड़ी पर महादेव खोली में विराजित महादेव, बैहर के प्राचीन शिवमंदिर, सावरझोड़ी गुप्त शिवलिंग, जाम का शिवमंदिर, धनसुआं गोसाई शिव मंदिर, काली पाठ के शिवमंदिर समेत अन्य शिव मंदिर में सावन मास के दौरान प्रत्येक सोमवार को मेला लगेगा और पवित्र वैनगंगा समेत अन्य जल स्त्रोत से कावढिएं कावढ़ में जल भरकर इन मंदिरों में पहुंचकर जलभिषेक कर पूजा-अर्चना कर भगवान शिवशंकर से सुख-समृद्धि का आर्शीवाद प्राप्त करेंगे।।वही जिले के सभी शिवालयों में सुबह से लेकर देर शाम तक बम बम भोले के जयकारे गूंजते रहेंगे।

19 वर्ष बाद बना संयोग ,2 माह का होगा सावन मास
धार्मिक पौराणिक मान्यताओं के अनुसार ऐसा माना जाता है कि देव उठनी ग्यारस के दिन से भगवान विष्णु आराम करने चले जाते है और ये चार माह भगवान शिवशंकर सृष्टि का कार्यभार संभालते है। ऐसी स्थिति में प्रत्येक वर्ष सावन मास माह का अधिक महत्व होता है और सावन मास के दौरान लोग भवगान शिवशंकर की भक्ति में लीन हो जाते है। इस वर्ष भगवान शिवशंकर की भक्ति का पवित्र माह पिछले मंगलवार से शुरु हो चुका और इस वर्ष 19 साल बाद ऐसा संयोग हुआ है कि सावन मास एक माह का नहीं बल्कि दो माह का होगा और इस वर्ष आठ सावन सोमवार होंगे।

श्रावण मास की पहली कावड़ यात्रा आज
सावन के महीने में भगवान शिव की विशेष पूजा-अर्चना करने का अलग ही महत्व है। जिसके चलते पूरे महीने शिव मंदिरों में भक्तों की भीड़ रहती है।खासकर सावन के पवित्र महीने में पड़ने वाले सोमवारऔर शिवरात्रि के मौके पर शिवालयों में खासी भीड़ उमड़ती है। शास्त्रों के अनुसार, इस माह भगवान भोलेनाथ की विशेष पूजा अर्चना करने से भगवान शिव प्रसन्न होते है।और भक्तो की मनमुराद पूरी करते है।शायद यही वजह है इस माह में कांवड़ियों द्वारा जलाशयों से पानी कावड़ में ले जाकर भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक कर विशेष प्रथाएं की जाती है.जिसका एक नजारा सोमवार को नगर मे भी देखने को मिलेगा। जहाँ बड़ी तादात मे कांवड़िए भग़वान भोलेनाथ का जलाभिषेक करने कावड़ यात्रा ले जाते नजर आएंगे. इस दौरान कावड़िए भारी तादाद में डीजे की धुन में भक्ति गानों पर थिरकते झूमते, और बम बम भोले के जयकारे लगाते हुए दिखाई देंगे।बताया जा रहा हैं की श्रद्धालु भक्त वैनगंगा या अन्य जलाशयों का पानी कावड़ में ले जाकर भगवान शिव का जलाभिषेक कर अपनी मनोकामनाओ की मन्नत मांगेंगे।

मनोकामनाओ की होती हैं पूर्ति
बताया जा रहा हैं की इस माह में पति की लंबी उम्र के लिए महिलाएं सावन के सोमवार का व्रत करती हैं।धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सावन में जिसने सच्चे मन से भगवान भोलेनाथ की सेवा की उसके समस्त पाप खत्म हो जाते हैं।मान्यता है कि सावन सोमवार को व्रत रख रुद्राभिषेक करने से वैवाहिक जीवन में खुशहाली और संतान सुख की प्राप्ती होती।

विभिन्न कार्यक्रमों के आयोजन होंगे – कृष्णा द्विवेदी
सावन सोमवार को लेकर की गई चर्चा के दौरान शंकर पाठ मंदिर के पुजारी पंडित कृष्णा द्विवेदी ने बताया कि कल सोमवार को पहला सावन सोमवार है। जहां हजार से अधिक श्रद्धालुओं का शंकर घाट में प्रवेश होगा। उनकी पूजा-अर्चना के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं। वहीं इस सावन भर में रुद्राभिषेक, हवन ,पूजन, महा आरती, प्रसाद वितरण, भंडारा सहित विभिन्न कार्यक्रमों के आयोजन होंगे। उन्होंने बताया कि यह मंदिर एक सदी पुराना है मंदिर में हर किसी की मनोकामना पूरी होती है। इसीलिए प्रतिवर्ष यहां मप्र, महाराष्ट्र छत्तीसगढ़ सहित दूर-दूर से लोग पूजा-अर्चना के लिए आते हैं।

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