सावन मास पर नगर के हनुमान मंदिर में हुए धार्मिक अनुष्ठान

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जिला मुख्यालय सहित अन्य तहसीलों व ग्रामीण अंचलों में भगवान शिव की आराधना का प्रमुख पर्व सावन पूर्ण भक्ति भाव के साथ मनाया जा रहा है। जहां सावन मास के पावन अवसर पर रोजाना जिले भर में जगह-जगह विभिन्न कार्यक्रमों के आयोजन किए जा रहे हैं। जिसकी एक झलक नगर के काली पुतली चौक स्थित हनुमान मंदिर में देखी गई। जहां वात्सल्य साधना ग्रुप द्वारा प्रतिवर्ष के अनुसार इस वर्ष भी भगवान शिव का अभिषेक पूजन सहित विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान सम्पन्न कराए गए।बताया जा रहा है कि इस वर्ष अधिमास होने के चलते इस बार सावन पूरे दो माह का होगा और इस वर्ष 8 सावन सोमवार भी होंगे। अधिमास में भगवान श्रीहरि विष्णु और माता लक्ष्मी के अभिषेक और पूजन फलदायी होने पर वात्सल्य आराधना ग्रुप द्वारा को भगवान श्री हरि विष्णु एवं माता लक्ष्मी जी का अभिषेक एवं पूजन-हवन का आयोजन नगर के काली पुतली चौक स्थित हनुमान मंदिर में किया गया था। जिसमें पूर्णिमा तिथि को भगवान श्री हरि विष्णु और माता लक्ष्मी की स्थापना आरती एवं हवन एवं आरती की गई। जबकि दूसरे दिन प्रातः पूजन का विसर्जन किया गया।

अभिषेक और पूजन से मनोकामनाए होती है पूर्ण
बताया जा रहा है कि अधिकमास में भगवान श्री हरि विष्णु एवं माता लक्ष्मी का अभिषेक पूजन फलदायी होता है। इनके अभिषेक और पूजन से हर मनोकामना पूर्ण होती है और जीवन धन-धान्य से भर जाता है। भारतीय संस्कृति और हिन्दु परंपरा में अभिषेक और पूजन का विशेष महत्व होता है। हिन्दु धर्म के त्यौहारो में पूजन विशेष रूप से किया जाता है। सावन मास में भगवान शिव की आराधना एवं उपासना में अभिषेक और पूजन का विशेष महत्व बताया गया है।

बड़ी संख्या में महिलाओं ने दर्ज कराई उपस्थिति- चावड़ा
आयोजन को लेकर की गई औपचारिक चर्चा के दौरान वात्सल्य आराधना ग्रुप प्रमुख मीनाबेन चावड़ा ने बताया कि इस वर्ष संयोगवश सावन मास में परसोत्तम उत्तम महिना अधिमास का पड़ा है। जिसमें दान, धर्म एवं पूजा का अति उत्तम महत्व बताया गया है। इसी भाव से वात्सल्य आराधना की बहनों द्वारा भगवान श्री विष्णु एवं माता लक्ष्मी का का अभिषेक, पूजन एवं हवन का आयोजन किया गया था। जिसे गोंदिया से पहुंचे पंडित उल्लास महाराज के मार्गदर्शन में किया गया। इस दौरान बड़ी संख्या में महिलाओं ने इस धार्मिक उत्सव में भाग लेकर पुण्यलाभ अर्जित किया है। उन्होंने आगे बताया कि आगामी समय में भी समस्त महिलाओं द्वारा समय-समय पर धार्मिक अनुष्ठान कराए जाएंगे।

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