क्रिप्टो करेंसी वॉलेट में वायरस डालकर ठगी का नया मामला सामने आया है। इंदौर के एक युवक के वालेट से 2 लाख की क्रिप्टो करेंसी रसिया में ट्रांसफर कर ली गई। ठगी का यह मामला इंदौर क्राइम ब्रांच में दर्ज हुआ है। डीसीपी निमिष अग्रवाल इस मामले की जांच कर रहे हैं।
क्रिप्टो करेंसी वालेट का इस्तेमाल करने वाले शख्स के सिस्टम में वायरस भेजकर वालेट हेक किया गया है। शिकायतकर्ता ने क्राइम ब्रांच में जो रिपोर्ट दर्ज कराई है। उसके अनुसार शिकायतकर्ता लंबे समय से क्रिप्टो करेंसी में निवेश कर रहा था। कुछ दिन पूर्व उसने अपने लैपटॉप से 2 लाख की क्रिप्टो करेंसी दूसरे क्रिप्टो वालेट में ट्रांसफर की थी। वह उसमें नहीं पहुंची। क्रिप्टो कंपनी से जब जानकारी मांगी गई, तब सिस्टम को स्कैन करने के लिए एक सॉफ्टवेयर भेजा। सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करने के बाद उसमें एक अनोखा वायरस मिला। जिसने क्रिप्टो ट्रांजैक्शन को हैक कर रखा था। क्रिप्टो वालेट हैक करके 2 लाख की राशि रसिया में संचालित किसी कंपनी में ट्रांसफर हुई है।
प्रारंभिक जांच के बाद क्राइम ब्रांच के डीसीपी निमिष अग्रवाल ने उन लोगों से जो अपने इलेक्ट्रॉनिक लैपटॉप या मोबाइल पर बड़ी राशि का ट्रांजैक्शन करते हैं। वह समय-समय पर एंटीवायरस अपडेट कराते रहें। लाइसेंसी एंटीवायरस सॉफ्टवेयर की सुरक्षा प्राप्त करें।सिस्टम में किसी भी तरीके से वायरस भेज कर वालेट के सिस्टम को हैक कर ठगों द्वारा आर्थिक नुकसान पहुंचाया जा सकता है। उन्होंने लोगों से सावधानी बरतने की अपील की है। क्रिप्टो करेंसी के वाले को हैक करके ठगी करने का यह नया मामला है। जिसने सभी की चिंताएं बढ़ा दी हैं।