सीएम राइज पर करोड़ों – सुविधा को तरसे दर्जनों स्कूल !

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मध्यप्रदेश शासन द्वारा शिक्षा के स्तर को बेहतर करने के लिए नई योजना के तहत प्रत्येक तहसील मुख्यालय में एक स्कूल को सीएम राइज के तहत चयनित कर उसमें सभी तरह की मूलभूत सुविधा देने के उद्देश्य से करोड़ों रुपया खर्च करने की योजना बनाई गई है, जिससे अब स्थानीय स्तर पर इस योजना को लेकर कई सवाल खड़े होने लगे हैं।

इसी कड़ी में वारासिवनी शहर के टिहलीबाई शासकीय उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय को सीएम राइस किया गया है जहां पर शासन की परिकल्पना से अलग ही कुछ देखने को मिल रहा है की व्यवस्था तो लागू हो गई है परंतु संस्था में व्यवस्थाओं का अभाव लगा हुआ है।

यही नही विकासखंड अंतर्गत शासकीय स्कूलों की स्थिति जर्जर है और यह स्कूल वर्षों पुराने है जिनमें सही तरीके से शौचालय की व्यवस्था नहीं है पढ़ने के लिए पर्याप्त सुविधा नहीं है मैदान तो अधिकांश स्कूलों में है ही नहीं। ऐसे में सीएम राइज के नाम पर एक सरकारी स्कूल पर करोड़ों रुपए खर्च करने की तैयारी में है।

वारासिवनी विकासखंड अंतर्गत 11 हायर सेकेंडरी स्कूल और 11 हाई स्कूल इस प्रकार 22 शासकीय स्कूल है जो विभिन्न प्रकार की समस्या से जूझ रहे है। ऐसे में उत्कृष्ट स्कूल जोकि स्वयं मॉडल स्कूल है उसका सीएम राइस में उन्नयन करना गलत है। क्योंकि सीएम राइस एक पूरा कांसेप्ट है जिसे क्षेत्र के अन्य शासकीय स्कूलों के लिए तैयार किया जाना था जिससे कि क्षेत्र के विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त हो सके।

वारासिवनी ब्लॉक के अंतर्गत 22 हाई स्कूल हायर सेकेंडरी स्कूल है जिसमें 9211 विद्यार्थी अध्यनरत है ऐसे में शासन की सीएम राइस योजना में 1231 विद्यार्थियों को फायदा मिलेगा तो विद्यार्थियों का एक बड़ा समूह गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सर्व सुविधा युक्त शिक्षा से वंचित होता नजर आ रहा है। जबकि यह आंकड़े बढ़ सकते थे।

यदि उत्कृष्ट विद्यालय को छोड़ दिया जाता जो मॉडल स्कूल है जहां पर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तो मिल ही रही है ऐसे में क्षेत्र के 22 स्कूलों में से कोई भी एक हाई स्कूल या हायर सेकेंडरी स्कूल को यदि सीएम राइस किया जाता तो दोगुने विद्यार्थी लाभान्वित हो सकते थे जैसा कि जिले के अन्य ब्लॉक में किया गया है।

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