सीएम हेल्पलाइन में जिले को मिली बी-ग्रेड

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आम जनता की समस्या और शिकायत के निवारण के लिए संचालित सीएम हेल्पलाइन में जिले के ऐसे कई विभाग हैं, जहां आज भी सैकड़ों शिकायतें लंबित पड़ी हैं। नवंबर माह की जारी गे्रडिंग में बालाघाट जिले को प्रदेशस्तर पर 28वां स्थान और बी-ग्रेड मिला है, जिसे विभाग संतोषजनक मान रहा है। हालांकि, नवंबर माह में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में सबसे अधिक 992 शिकायतें आई थीं। दूसरे पायदान पर 705 शिकायतों के साथ उर्जा विभाग, 556 शिकायतों के साथ राजस्व विभाग तीसरे और 406 शिकायतों के साथ खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग चौथे स्थान पर रहा। ये ऐसे विभाग हैं, जिससे जुड़े हितग्राही या आवेदकों की शिकायतों का अब तक निराकरण नहीं हो सका है और दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं। वहीं, 22 दिसंबर तक सीएम हेल्पलाइन की लंबित शिकायतों में राजस्व विभाग अब भी टॉप पर है, जहां अलग-अलग लेवल पर 473 शिकायतें लंबित हैं। लोक सेवा प्रबंधन विभाग का मानना है कि ताजी ग्रेडिंग में जिले में सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों का संतुष्टि प्रतिशत दो अंक बढ़ा है। अक्टूबर माह की तुलना करें तो तब संतुष्टि का प्रतिशत 75 था जबकि इस बार ये 77 फीसदी पर है। हालांकि, सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों के समाधान में अब भी सुधार की जरूरत है, जिसे विभाग भी स्वीकार कर रहा है।
वहीं, दूसरी तरफ अक्टूबर माह में नगर पालिका बालाघाट के डी ग्रेड में रहने के बाद संभागायुक्त द्वारा जारी सख्त निर्देश के बाद नगर पालिका ने लंबित शिकायतों का समाधान कर नवंबर माह की ग्रेडिंग में ए-ग्रेड हासिल किया है।
जानकारी के अनुसार, सीएम हेल्पलाइन में ऐसी हजारों शिकायतें हैं, जो बजट के अभाव में लंबित हैं। लोक सेवा प्रबंधन के जिला प्रबंधक अनिल कुमार लिल्हारे ने बताया कि भुगतान के अभाव में आवेदक सीएम हेल्पलाइन में शिकायत करते हैं, लेकिन कई बार शासन स्तर पर बजट के अभाव के चलते आवेदकों को भुगतान नहीं हो पाता। इसलिए पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, नगरीय विकास एवं आवास विभाग जैसे विभागों में शिकायतों की पेंडेंसी रहती है। हालांकि, कलेक्टर डॉ. गिरीश कुमार मिश्रा और जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी विवेक कुमार द्वारा विभागवार समीक्षा कर सीएम हेल्पलाइन की लंबित शिकायतों का संतुष्टि के साथ निराकरण किया जा रहा है। नवंबर माह की ग्रेडिंग में बालाघाट में शिकायतों का संतुष्टि के साथ निराकरण का 60 प्रतिशत में 46.31 प्रतिशत है, जो जिले के लिए कामयाबी है।

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