अक्सर विवादों में रहने वाली एंबुलेंस सेवा में तैनात स्टाफ इन दिनों सुविधाओं के लिए परेशान हो रहा है। जिला मुख्यालय में 108 एंबुलेंस आपातकालीन सेवा के तहत 5 अत्याधुनिक एंबुलेंस उपलब्ध कराई गई है, जिसके लिए कोऑर्डिनेटर, चालक सहित 17 लोगों का सपोर्टिंग स्टाफ ड्यूटी कर रहा है, लेकिन स्टाफ को रात्रि में ड्यूटी से आने के बाद विश्राम करने के लिए विभाग द्वारा सिर्फ एक कमरा उपलब्ध कराया गया है, जो 10 बाय 10 के आकार का है। कमरे में एक समय पर दो लोग ही रह सकते हैं। इस कमरे में एक बिस्तर है जो टूट चुका है। स्टाफ ने जुगाड़ से बिस्तर को सुधारकर बैठने लायक बनाया है। स्टाफ की मांग है कि विभाग उनके विश्राम के लिए कम से कम 2 और कमरों की व्यवस्था करें, ताकि सर्द रात में स्टाफ को एंबुलेंस के अंदर विश्राम ना करना पड़े। स्टाफ का कहना है कि अगर हमें विश्राम करने के लिए उचित सुविधाएं नहीं मिलेंगी तो इसका असर उनकी सेहत पर पड़ेगा। अगर हम फिट रहेंगे तभी मरीजों के लिए आपात स्थिति में मदद कर पाएंगे।
नहीं हो पाती एम्बुलेंस की नियमित सफाई
इसके अलावा स्टाफ ने एंबुलेंस को व्यवस्थित खड़ी करने के लिए पार्किंग स्थल की कमी भी बताई। पार्किंग ना होने के कारण एंबुलेंस को यहां-वहां खड़ा करना पड़ता है। साथ ही एंबुलेंस को धोने के लिए भी नल कनेक्शन देने की मांग स्टाफ ने की है। बताया गया कि जब उनके द्वारा किसी सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति को एंबुलेंस से अस्पताल लाया जाता है, तो उसका रक्त एंबुलेंस में फैल जाता है, जिसे धोने के लिए पानी की व्यवस्था नहीं रहती।कई बार रक्त के सूखने के बाद एंबुलेंस में दुर्गंध फैल जाती है। इसके कारण अन्य मरीज एंबुलेंस में चढ़ना पसंद नहीं करते। इस अवस्था के कारण कई बार तो मरीज और उसके परिजनों का स्टाफ के साथ विवाद भी हो जाता है।