सूडान पर अंग्रेजों का राज था और इसे 1956 में आजादी मिली थी। हालांकि यहां लोकतंत्र कभी बहाल नहीं हो सका।
सूडान से तख्तापलट की खबर आ रही है। सूडान की सेना ने सोमवार को सरकार को मानने से इन्कार कर दिया, अधिकारियों को सरकारी दफ्तरों से खदेड़ दिया और सरकारी इमारतों पर कब्जा कर लिया। इस दौरान भारी गोलीबारी भी हुई हई, जिसमें 7 लोग मारे गए। सैनिकों और सड़क पर प्रदर्शन कर रहे लोगों के बीच झड़प में 140 घायल हो गए। सेना के सबसे प्रमुख जनरल ने देश में आपातकाल की घोषणा कर दी है। प्रधानमंत्री समेत कई नेताओं को भी बंधक बना लिया गया है। इस बीच, संयुक्त राष्ट्र ने बंधकों को तत्काल रिहा करने की मांग की है। जानिए सूडान के ताजा हालात
1956 में आजाद हुई था सूडान, 9वीं बार तख्तापलट
सूडान पर अंग्रेजों का राज था और इसे 1956 में आजादी मिली थी। हालांकि यहां लोकतंत्र कभी बहाल नहीं हो सका। कहा जा रहा है कि यह 9वीं बार तख्तापलट हुआ है। अभी करीब 2 साल पहले ही देश लंबे समय तक शासक रहे ओमर-अल-बशीर को जनता ने विरोध-प्रदर्शन कर हटाया था और सूडान में लोकतंत्र की स्थापना हुई थी। लेकिन अब एक बार फिर सेना ने सत्ता हथिया ली।
सूडान के सूचना मंत्रालय ने अपने फेसबुक पेज पर कहा कि संक्रमणकालीन संविधान केवल प्रधानमंत्री को आपातकाल की स्थिति घोषित करने का अधिकार देता है और सेना की कार्रवाई एक अपराध है। इससे पहले सूडानी सेना के जनरल अब्देल-फताह बुरहान ने राष्ट्रीय टीवी पर ऐलान किया कि देश की सत्तारूढ़ संप्रभु परिषद को भंग कर दिया गया है। प्रधानमंत्री अब्दल्ला हमदोक के नेतृत्व वाली सरकार को भी खत्म कर दिया गया है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि वे लोकतंत्र की बहाली के लिए काम करेंगे।