वैज्ञानिकों ने हाल ही में सूरज के नजदीक एक ग्रह को खोजा है। यह ग्रह पृथ्वी के वजन का 1 चौथाई वजन रखता है। अपने तारे के करीब चक्कर लगा रहा है। सूर्य और बुध के बीच की दूरी का दसवां हिस्सा है। फिलहाल इसके बारे में अधिक जानकारी नहीं है। साइंटिस्ट अब इसमें जीवन की तलाश कर रहे हैं। चिली स्थित यूरोपियन साउदर्न ऑब्जरवेटरी वेरी लार्ज टेलिस्कोप से वैज्ञानिकों ने इस ग्रह को देखा। जब उन्हें प्रॉक्सिमा सेंटॉरी तारों के चारों तरफ एक बुलबुला दिखाई दिया। उन्होंने देखा कि यह बुलबुला हर 5 दिन में अपने तारे का 1 चक्कर लगा रहा है। जब जांत की तो पता चला कि एक ग्रह है।
नए अध्ययन की मांग
इस ग्रह को खोजने वाली टीम के सदस्य जोआओ फारिया ने बताया कि हमारे पड़ोसी तारे प्रॉक्सिमा सेंटॉरी के चारों तरफ दुनिया है। जो नए अध्ययन की मांग कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘यह ग्रह प्रॉक्सिमा सेंटॉरी से 40 लाख किमी दूरी पर चक्कर लगा रहा है।’
ग्रह का नाम प्रॉक्सिमा डी
फारिया ने कहा कि यह अपने तारे से इतना नजदीक है। यहां भी जीवन हो सकता है। इस नई खोज की रिपोर्ट जर्नल एस्ट्रोनॉमी एंड एस्ट्रोफिजिक्स में प्रकाशित हुई है। नए ग्रह को प्रॉक्सिमा डी नाम दिया गया है।
सौर मंडल का तीसरा ग्रह
प्रॉक्सिमा डी अपने सौर मंडल का तीसरा ग्रह है। यह प्रॉक्सिमा बी के नजदीक है। प्रॉक्सिमा बी का वजन धरती के बराबर है। यह अपने तारे का एक चक्कर 11 दिन में लगाता है। जबकि प्रॉक्सिमा डी अपने तारों के चारों तरफ 5 दिन में एक चक्कर लगाता है।
2020 में पहली बार दिखा
इस ग्रह को पहली बार 2020 में देखा गया है। उस समय वैज्ञानिक प्रॉक्सिमा बी पर स्टडी कर रहे थे। तभी उन्हें प्रॉक्सिमा बी और प्रॉक्सिमा सेंटॉरी के चारों तरफ मौजूद गुरुत्वाकर्षण केंद्र में बदलाव दिखाई दिया। जोआओ फारिया ने कहा कि यह कम वजन का ग्रह है। वह अपने तारे के पास चक्कर लगाने वाला तीसरा ग्रह है।