वर्ष 2011 के बहुचर्चित मेडिकल कॉलेज अस्पताल सेक्स स्कैंडल के आरोपितों को शासकीय सेवा से बर्खास्त करने की मांग उठने लगी है। छात्र संगठन ऐसे आरोपितों के विरोध में खड़े हो गए हैं जिन्होंने मेडिकल छात्राओं को परीक्षा में पास कराने के बदले अस्मत का सौदा किया था। हैरानी की बात यह है कि पुलिस की नजर में फरार कुछ आरोपित न सिर्फ रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में नौकरी कर रहे हैं बल्कि कर्मचारी संगठन का चुनाव भी लड़े। आरोपितों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई में विश्वविद्यालय के अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध नजर आ रही है।
स्वतंत्र मानव सेवा संगठन से जुड़े छात्रों ने किया प्रदर्शन: स्वतंत्र मानव सेवा संगठन से जुड़े छात्रों ने रानी दुर्गावती विश्वविालय में प्रदर्शन कर मेडिकल कॉलेज सेक्स स्कैंडल के आरोपितों को बर्खास्त करने की मांग की। उन्होंने कहा कि 2011 में पुलिस ने उक्त कांड में जिन्हें आरोपित बनाया था उनमें से तमाम लोग विश्वविालय में कार्यरत हैं। उनके शासकीय सेवा में बने रहने से विश्वविालय की छवि धूमिल हो रही है। छात्रों ने कहा कि एक आरोपित तो पुलिस की नजर में फरार है, बावजूद इसके वह विश्वविालय में सेवाएं दे रहा है और कर्मचारी संघ का चुनाव भी लड़ा। नियम कायदों को ताक पर रखते हुए विश्वविालय प्रशासन ने उसे चुनाव लड़ने की अनुमति दे दी।
कुलपति की कुर्सी में ज्ञापन चस्पा करने का प्रयास: इस दौरान आक्रोशित छात्रों ने कुलपति की कुर्सी में ज्ञापन चस्पा करने का प्रयास किया परंतु पुलिस के हस्तक्षेप के बाद वे शांत हुए। इस दौरान आकाश राजपूत, सत्यांशू, पंकज मिश्रा, आदित्य यादव, यश वर्मा, बॉबी राव, निशांत साहू, सूरज सिंह, सौरभ काला, अमन भोजक, अंकित कोरी, करन जाधव, उज्वल सोनी, शिवम श्रीवास, विशाल गुप्ता, ऋषि सोनकर आदि मौजूद थे।