सैनिक सम्मान के साथ पंचतत्व में विलीन हुए वीर कर्णवीर सिंह, अंतिम दर्शन करने पहुंचे मुख्यमंत्री

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भारत माता की जय, पाकिस्तान मुर्दाबाद, कर्णवीर सिंह अमर रहे के नारों के बीच आज देश के वीर सपूत और सतना के लाल कर्णवीर सिंह राजपूत का पूरे सैनिक सम्मान बंदूकों की सलामी के साथ अंतिम संस्कार उनके गृहग्राम दलदल के पास मऊदेव में किया गया। जहां जबलपुर से भी सेना की विशेष टुकड़ी सतना पहुंची। इस दौरान प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, पूर्व मंत्री राजेन्द्र शुक्ला, सांसद गणेश सिंह, रामपुर विधायक विक्रम सिंह विक्की, चित्रकूट विधायक नीलांशु चतुर्वेदी सहित अभी राजनीतिक दलों के नेता, कलेक्टर अजय कटेसरिया, पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह यादव सहित बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि और नागरिकों की भीड़ रही।

मुख्यमंत्री श्री @ChouhanShivraj ने सतना जिले के ग्राम दलदल पहुंचकर जम्मू कश्मीर में आतंकियों से लोहा लेते हुए शहीद हुए मध्यप्रदेश के लाल श्री कर्णवीर सिंह राजपूत की पार्थिव देह पर पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि अर्पित की।

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मुख्यमंत्री ने कहा बलिदान कभी नहीं भूलेंगे : वीरगति को प्राप्त करने वीर सिंह के गांव पहुंचे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बलिदानी जवान करणवीर सिंह के स्वजनों से मुलाकात की और उन्हें सांत्वना दी। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि देश जवानों के इस बलिदान को कभी नहीं भूलेगा। वहीं उन्होंने यह भी कहा कि उनकी सरकार से जो भी होगा वह करेंगे। स्वजनों को एक करोड़ रुपये सम्माननिधि और बड़े भाई शक्ति सिंह को सरकारी नौकरी मध्य प्रदेश सरकार देगी।

युवाओं में दिखा जोश और जुनून : कर्णवीर सिंह की अंतिम यात्रा व अंत्येष्टि के दौरान युवाओं में बलिदानी कर्णवीर सिंह के प्रति निष्ठा और देश प्रेम जमकर देखा गया। लोग हाथों में तिरंगा लिए हुए थे और जब तक सूरज चांद रहेगा, कर्णवीर तेरा नाम रहेगा.. भारत माता की जय..कर्णवीर अमर रहे.. पाकिस्तान मुर्दाबाद.. आतंकवाद मुर्दाबाद के नारे लगा रहे थे। वहीं गमगीन माहौल में कर्णवीर सिंह के बड़े भाई ने अंतिम संस्कार किया। वहीं सेना के जवानों ने सलामी दी। उनके बड़े भाई शक्ति सिंह जो कि इंदौर में इंजीनियर हैं उन्होंने मुखाग्नि दी।

बुधवार को हुए थे वीरगति को प्राप्त : बुधवार को कश्मीर के शोपियां जिले में आंतकियों से लड़ते-लड़ते वीरगति को पाने वाले 24 वर्ष के कर्णवीर सिंह के एक कंधे में और दूसरी गोली सिर पर लगी है। वे 22 राजपूत रेजिमेंट 44 आरआर के जवान थे जो कि शोपियां में पदस्थ थे। उनके गांव में स्थित निवास और क्षेत्र में सभी ओर मातम छाया हुआ है और हर कोई इस बलिदानी को याद कर रहा है। स्वजन नम आंखों से देश के प्रति अपने 24 साल के लाडले के बलिदान को याद कर गर्व भी महसूस कर रहे हैं तो दूसरी ओर देश के दुश्मनों के प्रति उनके मन मे आक्रोश भी है।

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पिता भी हैं सेवानिवृत्त सैनिक : चार वर्ष पूर्व सेना में भर्ती हुए कर्णवीर सिंह राजपूत के पिता रवि कुमार भी 22वीं राजपूत रेजीमेंट में पदस्थ थे जो कि 2017 में सूबेदार मेजर के पद से सेवानिवृत हुए थे। गांव में उनके घर मे रिश्तेदारों की भीड़ पहुंच रही है। वहीं गांव के युवा कर्णवीर सिंह अमर रहे के नारे लगा रहे हैं। ज्ञात हो कि कर्णवीर के पार्थिव शरीर को श्रीनगर से हवाई मार्ग द्वरा कल शाम प्रयागराज लाया गया जहां से सड़क मार्ग से सतना लाया गया।

दो आतंकी ढेर भी किए : जानकारी के अनुसार कश्मीर घाटी के आतंक प्रभावित शोपियां के चीरबाग द्रगाड़ इलाके में आतंकियों के खिलाफ चल रहे आपरेशन के दौरान बुधवार की सुबह साढ़े आठ बजे सेना और आतंकियों के बीच उस वक्त एनकाउंटर हुआ जब एक संदिग्ध कार ने सेना के फिक्स पिकेट को पार करने की कोशिश की। कार को रोकने पर उसमें सवार आतंकियों ने फायर कर दिए। सैन्य जवानों ने मोर्चा संभाला और दो आतंकी ढेर कर दिए। जवाबी हमले में कर्णवीर सिंह राजपूत समेत दो अन्य जवान घायल हो गए। गंभीर रुप से घायल कर्णवीर उपचार के दौरान वीरगति को प्राप्त हो गए थे

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