स्कुल का जर्जर भवन बना विद्यार्थियों के लिए खतरा

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वारासिवनी(पद्मेश न्यूज)। वारासिवनी जनपद पंचायत  अंतर्गत ग्राम पंचायत कोस्ते के पंचायत परिसर स्थित शासकीय प्राथमिक माध्यमिक एकीकृत शाला के पास में स्थित जर्जर भवन विद्यार्थियों के लिए वर्तमान में खतरा बना हुआ है। जिसको लेकर ग्रामीणजन लगातार शिक्षा विभाग एवं प्रशासन से उक्त भवन को डिस्मेंटल करने की मांग कर रहे हैं। जिसके लिए ग्राम पंचायत एवं स्कूल के द्वारा अनेको बार पत्राचार एवं जानकारी दी गई है। किंतु वर्तमान तक उक्त खंडहर को डिस्मेंटल करने के लिए प्रशासन के द्वारा कोई सार्थक प्रयास नहीं किया गया है। जिसका परिणाम है कि वर्तमान में वह जर्जर भवन खंडहर के रूप में अपने स्थान पर खड़ा हुआ है । इसके आसपास विद्यार्थियों के द्वारा विभिन्न खेल गतिविधियां की जाती है। तो वहीं कुछ विद्यार्थी खंडहर के अंदर भी चले जाते हैं जहां दुर्घटना होने की संभावना होती है परंतु वर्तमान तक कोई दुर्घटना नहीं हुई है। ऐसे में प्रशासन के द्वारा गंभीरता से उक्त विषय को ना लेना दुर्घटना का रास्ता देखना प्रतीत हो रहा है जिसको लेकर ग्रामीणों में खासा आक्रोश व्याप्त है।

स्कूल परिसर में स्थित है यह खंंडहर

ग्राम पंचायत कोस्ते के पंचायत परिसर में ही शासकीय प्राथमिक माध्यमिक शाला एवं राशन दुकान सहित सेवा सहकारी समिति भी स्थित है। जहां पर हर प्रकार के कार्य के लिए ग्रामीणों का आना जाना लगा रहता है, वहीं प्राथमिक एवं माध्यमिक स्कूल के मध्य में यह जर्जर भवन स्थित है। जो पहले का स्कूल बताया जा रहा है जो खस्ता हाल होने के बाद नए भवन का निर्माण कर लिया गया है जहां पर नियमित कक्षाएं संचालित की जाती है। इस जर्जर भवन को छोड़ दिया गया है इस दौरान लंच  की छुट्टी होती है तो उस दौरान सभी बालक बालिकाएं परिसर में अपनी विभिन्न खेल गतिविधियां करते हैं। तो वहीं कई बालक बालिकायें इधर.उधर घूमते रहते हैं ऐसे में कुछ विद्यार्थी खंडहर से लगे नवीन स्कूल में आना जाना करते हैं इस दौरान डर बना रहता है।

दुर्घटना की संभावना पर नहीं है अधिकारियों का ध्यान

बीते कुछ वर्षों से वहां पर खराब स्थिति बनी हुई है जिसको लेकर स्कूल के प्रधान पाठक ,ग्राम सरपंच के द्वारा अनेकों बार बीआरसी ,डीपीसी और प्रशासन को मामले की शिकायत की गई है। वर्तमान तक किसी के द्वारा इधर ध्यान नहीं दिया गया है केवल आश्वासन दिया जाता है कि जल्द उसे डिस्मेंटल करवा दिया जाएगा। इसमें बताया जा रहा है कि कागजों में उक्त भवन को डिस्मेंटल कर दिया गया है किंतु वास्तविकता में वह खंडहर के रूप में पड़ा हुआ है। जिसका उपयोग तो नहीं है परंतु आज भी छत के कवेलू और प्लास्टर सहित दीवार के इट गिरते रहते हैं। ऐसे में यदि किसी विद्यार्थी को चोटिल होना पड़ता है और उसके बाद प्रशासन जागता है तो वह भी मतलब का साबित नहीं होगा। ऐसे में ग्रामीणों के द्वारा किसी हादसे के पूर्व उक्त भवन को धराशाही करने की मांग की जा रही है ताकि संभावना को वास्तविकता ना बनाना पड़े।

स्कुल के जर्जर भवन को तोड़ देना चाहिये- रामेश्वर पटले

ग्रामीण रामेश्वर पटले ने बताया कि मैं कोस्ते रहता हूं स्कूल में बच्चों को जर्जर भवन के कारण खतरा बना हुआ है। इसके लिए आवेदन पंचायत के द्वारा विभाग के अधिकारियों को दिया गया है उसके बाद भी अभी तक कोई सुनवाई नहीं हो पाई है। शिक्षकों ने भी इस समस्या को लेकर शिक्षा विभाग को आवेदन दे दिया है यहां समस्या यह होती है कि स्कूल के विद्यार्थी खेलने के लिए जर्जर भवन के अंदर तक चले जाते हैं। ऐसे में कभी स्कूल गिर जाए या किसी बच्चे को गंभीर रूप से चोटिल हो जाए तो बहुत बड़ी समस्या खड़ी हो सकती है। यह स्कूल हमारे पहले का है वहां पर स्कूल नहीं लगता है बहुत समय से खाली है जिसे तोड़ देना चाहिए भले वहां पर ग्राउंड होगा चलेगा।

स्कुल परिसर पुरा खंडहर बना हुआ है कभी भी हो सकती है दुर्घटना-अमृत पथिक

ग्रामीण अमृत पथिक ने बताया कि हमारे द्वारा लंबे समय से देखा जा रहा है कि स्कूल परिसर एक खंडहर बना हुआ है। जिससे कभी कभी ईट कवेलू प्लास्टर गिरते रहता है इसे धराशाई करने कई बार मांग की गई है आज तक कुछ नहीं हुआ है। उस समय जब स्कूल लगाना बंद किया गया था उसके बाद इसे आधा डिस्मेंटल किया गया है आधा वैसे ही खड़ा है जहां दुर्घटना होने की संभावना है। यह कई वर्षों से वैसा ही है और हम नहीं पूरे गांव के लोग चाहते हैं जिसके लिए हमने पंचायत में सरपंच को भी कहा था। तो उनके द्वारा बताया गया कि यह स्कूल के शिक्षक शिक्षिकाओं  के अधीन है उनकी बैठक होगी तो उसमें फि र यह विषय को रखने की बात उनके द्वारा कही गई थी।

जर्जर भवन से कभी भी घटना घट सकती है-विपीनलाल घोडेश्वर

ग्रामीण विपीन लाल घोडेश्वर ने बताया कि स्कूल तोडऩा बहुत जरूरी है कभी भी गिर सकता है बच्चे खेलते रहते हैं छोटी बड़ी दुर्घटना होने की प्रबल संभावना है। वहां पर स्कूल दूसरा तो बनाना नही है बस उसे गिरा दे पूरी तरह जर्जर हो गया है। स्कूल के जो नए भवन बने हैं वह बहुत बड़े हैं उसके हिसाब से हमारे यहां बच्चों का इसलिए इसे गिराकर स्कूल नहीं भी बनाए तो चलेगा पर कार्यवाही करना चाहिए। यदि घटना होने के बाद इसे कभी गिराया जाता है तो कोई मतलब नहीं रहेगा क्योंकि हमारा डर होने वाली किसी भी अप्रिय घटना के लिए है।

इनका कहना है

दूरभाष पर चर्चा में बताया कि मेरे पूर्व प्रधान पाठक श्री गेडाम थे जिन्होंने बीआरसी वारासिवनी, डीपीसी बालाघाट को जानकारी दिए थे। अभी हमारे समय जिला कलेक्टर के आदेश के बाद पीडब्लूडी से कुछ अधिकारी आए थे जिन्होंने मौके पर डिस्मेंटल प्रतिवेदन तैयार कर लेकर गए थे। हमारे से फ ोटो मंगवाए थे जो हमने कार्यालय में जमा करवा दिया परंतु उसके बाद अभी तक कुछ जानकारी नहीं आई है।

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