स्कूलों में हो बच्चों के कोरोना टेस्ट, जानिए WHO ने क्यों कहा ऐसा

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School Reopen News: कोरोना महामारी का असर बच्चों की पढ़ाई पर भी पड़ा है। संक्रमण फैलने के बाद पिछले साल बंद हुए स्कूलों को खोलने की कोशिश जरूरी हुई, लेकिन कोरोना की दूसरी लहर ने उम्मीदों पर पानी फेर दिया। ताजा खबर विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी WHO से है। WHO ने अपनी एक सिफारिश में कहा है कि स्कूलों में बच्चों के कोरोना टेस्ट किए जाएं, ताकि फिर से स्कूल बंद होने या ऑनलाइन पढ़ाई जैसी परिस्थिति से बचा जा सके। डब्ल्यूएचओ को साफ मानना है कि स्कूल होने से बच्चों की पढ़ाई पर बुरा असर पड़ा है। यहां तक कि कई देशों में ऑनलाइन पढ़ाई की व्यवस्था भी उतना फायदेमंद नहीं रही है। डब्ल्यूएचओ यूरोप के क्षेत्रीय निदेशक हैंस क्लूज ने अपने एक बयान में कहा, गर्मियों के महीने सरकारों के लिए एक मौका हैं कि वे संक्रमण दर को कम कर सकें और स्कूल बंद करने से बच सकें।

उनके मुताबिक, हालात सामान्य होने पर जल्द से जल्द स्कूल खोलने जरूरी हैं, क्योंकि हम महामारी को बच्चों की शिक्षा को बर्बाद की अनुमति नहीं दे सकते हैं। नई सिफारिशों के अनुसार, जिन बच्चों में कोरोना के लक्षण पाए जाते हैं, उनकी तत्काल टेस्टिंग की जाना चाहिए। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि अगर किसी स्कूल में कोरोनावायरस के मामलों का पता नहीं चला है तो परीक्षण की सिफारिश नहीं की जाती है। डब्ल्यूएचओ का यूरोपीय क्षेत्र 53 देशों और क्षेत्रों में फैला है और इसमें मध्य एशिया के कई क्षेत्र शामिल हैं। संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों के लिए स्कूलों को बंद करना केवल अंतिम उपाय के रूप में माना जाना चाहिए, जब ऐसे मामलों का विस्फोट होता है जिन्हें अन्य उपायों द्वारा नियंत्रित नहीं किया जा सकता है।

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