स्टाफ की कमी से जूझ रहा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रामपायली

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प्रदेश सरकार के द्वारा स्वास्थ्य शिक्षा और रोजगार की बड़ी-बड़ी बातें की जाती है परंतु धरातल पर वास्तविकता कुछ अलग ही देखने को मिलती है। ऐसा ही जनपद पंचायत वारासिवनी अंतर्गत ग्राम पंचायत रामपायली स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रामपायली में देखने के लिए मिल रहा है। जहां पर पर्याप्त स्टाफ का अभाव होने से लोगों को स्वास्थ्य सुविधा पर्याप्त रूप से नहीं प्राप्त हो पा रही है जिसके कारण ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है। उन्हें हर छोटी बड़ी स्वास्थ्य सेवा लेने के लिए वारासिवनी या बालाघाट आना जाना पड़ता है ऐसे में इतना बड़ा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में व्यवस्था के नाम पर केवल एक डॉक्टर और कुछ कर्मचारी शासन के द्वारा नियुक्त किए गए हैं जहां पर्याप्त स्वास्थ्य व्यवस्था उपलब्ध नहीं है। जिससे लोग निराश हैं उनके द्वारा शासन से उपचार के लिए जरूरी मशीन एवं डॉक्टर सहित स्टाफ की व्यवस्था किए जाने की मांग की जा रही है।

क्षेत्र का बड़ा अस्पताल है रामपायली

जनपद पंचायत वारासिवनी अंतर्गत ग्राम पंचायत रामपायली स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र एकलौता बड़ा अस्पताल है जहां पर बड़ी संख्या में ग्रामीण जन उपचार के लिए प्रतिदिन पहुंचते हैं। इस पर करीब 25 पंचायतें निर्भर है जहां पर रोजाना 80 से ज्यादा मरीजों की ओपीडी आती है। यह स्वास्थ्य केंद्र उक्त क्षेत्र के लोगों के लिए समीप का और सरल आवागमन वाला स्थान है जहां पर आसानी से लोग पहुंचकर अपना उपचार करवाते हैं परंतु उन्हें वहां पर प्राथमिक उपचार के तौर पर इलाज मिलता है। थोड़ा भी गंभीर स्थिति में उन्हें वारासिवनी या बालाघाट के शासकीय अस्पताल में जाना पड़ता है ऐसे में उक्त लोगों के अंदर निराशा व्याप्त है। जिनके द्वारा एक डॉक्टर और जरूरी सेवा के स्टाफ की पदस्थापना करने की मांग की जा रही है।

इकलौते एमबीबीएस डॉक्टर के द्वारा दी जा रही सेवा

यहां यह बताना लाजमी है कि उक्त सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 4 डॉक्टर की पदस्थापना किए जाने के लिए पद है। जहां पर 1एमबीबीएस डॉक्टर की पदस्थापना की गई है वहीं गत दिनों पूर्व एक महिला आयुष डॉक्टर की पदस्थापना की गई है जो दिन में सेवा देती है। ऐसे में एक और एमबीबीएस डॉक्टर की जरूरत है परंतु बीते कई वर्षों से एक डॉक्टर के द्वारा ही उक्त सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को संचालित किया जा रहा है। जहां पर स्टाफ के नाम पर 8 नर्स, 1 वार्डबॉय, 1 स्वीपर, 3 सफाई कर्मी, 1 फार्मेसी, व कुछ टेक्नीशियन मिलाकर करीब 18 लोगों का स्टाफ है। जिनके द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का संचालन किया जा रहा है।

सोनोग्राफी की नहीं है सुविधा

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रामपायली में सबसे बड़ी समस्या गर्भवती महिलाओं की है जहां पर सोनोग्राफी की सुविधा ही नहीं है। ऐसे में उन गर्भवती महिलाओं को सफर कर वारासिवनी सोनोग्राफी करवाने के लिए आना होता है जिसमें कई प्रकार की बाधाएं उनके सामने आती है। वही एक्सरे मशीन भी वर्षों पुरानी रखी हुई है जिससे प्रिंट भी स्पष्ट रूप से समझ नहीं आते हैं और यह उस प्रकार है कि है या नहीं दोनों बराबर है। ऐसे में अति आवश्यक होने पर ही एक्सरे किया जाता है जिस पर शासन प्रशासन को ध्यान देने की आवश्यकता है।

ग्रामीण महेंद्र परिहार ने पद्मेश से चर्चा में बताया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रामपायली में एक एमबीबीएस डॉक्टर के द्वारा स्वास्थ्य सेवा दी जा रही है। ऐसे में समय पर डॉक्टर की उपस्थिति नहीं हो पाती है और रात्रि में स्टाफ भी नहीं रहता है एक नर्स रहती है ऐसे में बहुत समस्या होती है। अब एक डॉक्टर है वह 24 घंटे उपलब्ध नहीं होगा यदि वह किसी दूसरे काम में व्यस्त होगा तो किसी ना किसी को समस्या होगी यदि वहां उपलब्ध है तो तत्काल आ जाते हैं परंतु रात में समस्या होती है। श्री परिहार ने बताया कि एक एमबीबीएस डॉक्टर इस अस्पताल में होना चाहिए 20 पंचायतों के लोग यहां पर उपचार कराने आते हैं। मोटरसाइकिल के हादसे भी बहुत होते हैं ऐसे में उन्हें यहां उपचार नहीं मिल पाता है क्योंकि छोटे कर्मचारी अपने काम में लगे रहते हैं और रात्रि में एक नर्स यहां पर रहती है अकेला व्यक्ति कुछ कर भी नहीं सकता इसलिए वारासिवनी बालाघाट रिफर करते हैं।

ग्रामीण सोहेल खान ने बताया कि अस्पताल में डॉक्टर खान है जो बेहतर उपचार करते हैं और यह एक बड़ा अस्पताल है इस दौरान यदि डॉक्टर पोस्टमार्टम या अन्य कार्यों के लिए जाते हैं तो ग्रामीणों को समस्या का सामना करना पड़ता है क्योंकि दूसरा कोई डॉक्टर नहीं है। एक मैडम है जो दिन में रहती है ऐसी परिस्थिति में एक एमबीबीएस डॉक्टर की और जरूरत है जो रात्रि के लिए सुविधा दे सके। श्री खान ने बताया कि अस्पताल में एक्सरे नहीं होता है और सोनोग्राफी की तो मशीन ही नहीं है ऐसे में बड़ी संख्या में लोगों को वारासिवनी बालाघाट के चक्कर लगाने होते हैं। जबकि इस प्रकार की सुविधा स्थानीय स्तर पर दी जानी चाहिए।

सरपंच संदीप वाघमारे ने बताया कि रामपायली अस्पताल में एक डॉक्टर है जो पूरे अस्पताल को संभालते हैं ऐसे में असुविधा होना लाजमी है जिसके लिए पूर्व में हमारे द्वारा विभाग को पत्र भी लिखा गया था की अस्पताल में डॉक्टर की व्यवस्था करे। एक्सरे मशीन नई वाली और सोनोग्राफी की मशीन लगाएं ताकि ग्रामीणों को दूसरे शहर जाने की जरूरत ना पड़े परंतु उस पर भी विभाग ने कोई अमल नहीं किया है। श्री वाघमारे ने बताया कि हमारे यहां एक्सरे मशीन और सोनोग्राफी नहीं होने से गर्भवती महिलाएं सहित अन्य लोगों को बालाघाट रिफर किया जाता है जो करीब 30 किलोमीटर पड़ता है ऐसे में उन्हें आने जाने में बहुत समस्या होती है और बाकी सब भगवान भरोसे रहता है।

इनका कहना है

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रामपायली में 18 लोगों का स्टाफ है यहां पर मैं अकेला मेडिकल ऑफिसर हूं बाकी अन्य स्टाफ है जिनके माध्यम से व्यवस्था बनाई जाती है। ऐसी परिस्थिति में स्टाफ की कमी वास्तविकता है जिसे पूर्ण करना चाहिए इसके लिए मौखिक रूप से उच्च अधिकारियों को सूचना देकर मांग की गई है परंतु इस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया है। ऐसे में जितनी व्यवस्था हो सकती है वह जनता को देने का प्रयास किया जा रहा है।

डॉ तौसीफ खान मेडिकल ऑफिसर
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रामपायली

दूरभाष पर बताया कि रामपायली में एक मेडिकल ऑफिसर पदस्थ है वही आयुष की एक महिला डॉक्टर भी पदस्थ है और कॉन्ट्रैक्ट पर आए एक एमबीबीएस डॉक्टर जो 1 वर्ष के लिए आए हैं वह भी अपनी सेवा दे रहे है। वही सोनोग्राफी और एक्सरे मशीन की व्यवस्था को लेकर शासन से मांग की जा चुकी है और शासन का अस्पताल है जिसके चलते सभी चीज शासन के संज्ञान में है। जिसके लिए वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा की जायेगी।

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