व्यापार के उद्देश्य से लोग नकदी फसलों में निवेश कर रहे हैं। ऐसी ही एक फसल है स्ट्रॉबेरी। स्ट्रॉबेरी की खेती महाराष्ट्र, हरियाणा, झारखंड, राजस्थान, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश व पश्चिम बंगाल में बड़े पैमाने पर की जाती है। इसकी कई किस्में हैं जैसे- ओलंपस, हुड, शुक्सान आदि का आइसक्रीम बनाने में इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा कमारोसा, चांडलर, ओफ्रा, ब्लैक मोर, स्वीड चार्ली भी इसकी प्रमुख किस्में हैं। 1 एकड़ में 22 हजार स्ट्रॉबेरी के पौधे लगाए जा सकते हैं। हर पौधे की दूरी कम-से-कम 30 सेंटीमीटर होनी चाहिए। इसकी फसल सितंबर-अक्टूबर में लगाई जाती है और मार्च-अप्रैल तक फल मिलता रहता है।
इसके लिए बलुई दोमट मिट्टी अच्छी मानी जाती है। स्ट्रॉबेरी को कोल्डस्टोर में 10 दिनों तक स्टोर किया जा सकता है। अगर आप स्ट्रॉबेरी को कहीं दूर लेकर जाना चाहते हैं तो इसे 2 घंटे पहले 40 डिग्री सेल्सियस पर प्री कूल कर लें। स्ट्रॉबेरी की 1 एकड़ खेती में करीब 6 लाख रुपए खर्च होते हैं। दरअसल, स्ट्रॉबेरी के पौधे महंगे होते हैं, इसलिए इसमें इतना खर्च होता है। इसके अलावा मल्चिंग शीट, स्ट्रॉबेरी की पैकिंग के लिए डिब्बों का खर्च आदि भी काफी होता है। हालांकि, खर्च के दोगुने से अधिक आपको आय प्राप्त होती है। 7 लाख रुपए की फसल से आप 15 लाख रुपए की कमाई कर सकते हैं। यानी पौधे की कीमत को हटा दें तो आपको 9 लाख रुपये का मुनाफा होता है। यह कमाई 6 महीने में 1 एकड़ पर उगाई गई फसल से होती है।