हत्या के मामले में दो सगे भाई को आजीवन कारावास

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विद्वान सत्र न्यायाधीश दिनेश चंद्र थपलियाल की अदालत में हत्या की मामले में दो सगे भाई को आजीवन कारावास के अलावा 7,7 हजार रुपए अर्थदंड से दंडित किए। चांगोटोला थाना क्षेत्र में आने वाले ग्राम चनेवाड़ा निवासी दोनों भाई देवेंद्र पिता खेमराज ठाकरे 32 वर्ष और अनिल उर्फ भीकमचंद ठाकरे पिता खेमराज ठाकरे 28 वर्ष के विरुद्ध अपने गांव के संतलाल मारुति की हत्या करने का आरोप था।

अभियोजन के अनुसार 25 अप्रैल 2021 की रात्रि 9:30 बजे संतलाल का बेटा विजेंद्र मारुति अपने गांव के अनिल ठाकरे से उधारी का पैसा मांगने उसके घर गया था। घर के सामने रास्ते में अनिल ठाकरे ने विजेंद्र मारुति को अश्लील गालियां दी और अनिल ठाकरे ने अपने भाई देवेंद्र ठाकरे को बुलाया और दोनों भाई ने विजेंद्र को अश्लील गालियां दी और दोबारा पैसा मांगने पर उसे जान से मार डालने की धमकी दी थी। इस दौरान वहां पर संतलाल मारुति भी पहुंच गया जिसे भी अनिल एवं देवेंद्र ने गालियां दी और दोबारा पैसा मांगने पर जान से मार डालने की धमकी दी थी संतलाल ने दोनों भाई अनिल और देवेंद्र को गाली देने से मना किया तो दोनों भाई ने उसे लकड़ी के डंडे से मारपीट किए जिससे उसके सिर में चोट आई। गंभीर रूप से घायल संतलाल को लामता के अस्पताल में भर्ती किया गया था। जहां पर उसके मरणासन्न कथन लिए गए। लामता अस्पताल से संतलाल को जिला अस्पताल बालाघाट रिफर किया गया था जहां से उसे बेहतर उपचार हेतु गोंदिया के अस्पताल में भर्ती किया गया ।जहां उसकी उपचार के दौरान मौत हो गई । संतलाल के मरणासन्न कथन के आधार पर अनिल ठाकरे और उसके भाई देवेन ठाकरे के विरुद्ध धारा धारा 324 325 307 भादवी के तहत अपराध दर्ज किया। मर्ग जांच दौरान दोनों भाइयों के विरुद्ध धारा 302 भादवि का इजाफा किया गया गया था। इस अपराध में अनिल ठाकरे और उसके भाई देवेंद्र ठाकरे को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया वही विवेचना उपरांत अभियोग पत्र विद्वान अदालत में पेश किया गया था। यह मामला विद्वान सत्र न्यायाधीश दिनेश चंद थपलियाल की अदालत में चला जहां अभियोजन पक्ष आरोपी दोनों भाई अनिल ठाकरे और देवेंद्र ठाकरे के विरुद्ध आरोपित अपराध सिद्ध करने में सफल रहा। जिसके परिणाम स्वरूप विद्वान अदालत ने मामले की समस्त परिस्थितियों को देखते हुए अनिल ठाकरे और उसके भाई देवेंद्र ठाकरे धारा 302 भादवी के तहत अपराध में आजीवन कारावास और 7-7 हजार रुपए अर्थदंड दंडित किएऔर अर्थदंड की राशि जमा होने पर12000 राशि क्षतिपूर्ति स्वरूप मृतक के विधिक वारसानो को दिए जाने के आदेश पारित किए। इस मामले में शासन की ओर से लोक अभियोजक मदन मोहन द्विवेदी द्वारा पैरवी की गई थी।

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