वारासिवनी(पद्मेश न्यूज) नगर के युवाओं के द्वारा मां अंजनी पुत्र सेवा दल संगठन का गठन कर हनुमान जी महाराज के स्वरूप धारण करने की नई परंपरा को प्रारंभ किया गया है। जिसका यह दूसरा वर्ष है जिसमे सौरभ सिंह चौधरी हनुमान जी के स्वरूप को धारण करेंगे जो सेवा में है। जिसका ट्रायल 9 अक्टूबर को श्री राम मंदिर में किया गया इस दौरान युवाओं में खासा उत्साह देखा गया। यह स्वरूप ने नगर में भ्रमण कर दुर्गा पंडालों में भी पहुचा जहाँ लोगो ने दर्शन कर स्वरूप का आशीर्वाद भी लिया। यह स्वरूप दशहरे के दिन चल समारोह में शामिल होगा जो पूरे चल समारोह में आकर्षण का केंद्र रहेगा।
हनुमान जी के स्वरूप ने नगर में किया भ्रमण
विजयदशमी के अवसर पर पानीपत की परंपरा अनुसार हनुमान जी का स्वरूप शोभायात्रा में शामिल होना है। जिसको लेकर सौरभ सिंह चौधरी के द्वारा स्वरूप की सेवा की जा रही है जिनके द्वारा 9 अक्टूबर को ट्रायल के दौरान श्री राम मंदिर में स्वरूप धारण किया गया। जहां युवाओं का खासा उत्साह देखने को मिला यह स्वरूप नगर भ्रमण के लिए निकला जो श्री राम मंदिर परिसर में गांधी चौक और फिर नगर के विभिन्न चौक चौराहा और गलियों का भ्रमण किया गया। इस दौरान गांधी चौक दुर्गा उत्सव समिति नवयुवक दुर्गा उत्सव समिति एवं सराफा हनुमान मंदिर सहित अन्य स्थानों पर पूजा अर्चना की गई वही जगह-जगह नृत्य भी किया गया। इस दौरान नगर सहित राहगीरों के द्वारा रुक कर हनुमान जी के स्वरूप का दर्शन कर आशीर्वाद भी ग्रहण किया जाता रहा।
पानीपत की परंपरा का है दूसरा वर्ष
विदित हो की पानीपत में हनुमान जी महाराज के स्वरूप धारण कर चल समारोह करने की परंपरा है जो बालाघाट में पूर्व से प्रारंभ है। ऐसे में नगर के युवाओं के द्वारा संगठन बनाकर उक्त परंपरा को वारासिवनी में प्रारंभ किया जा रहा है यह दूसरा वर्ष है किंतु युवाओं में अपार उत्साह देखा जा रहा है। यह स्वरूप पानीपत से मंगाया गया था जिसकी स्थापना श्री राम मंदिर में नवरात्र के प्रथम दिन की गई। जिसे धारण सौरभ सिंह के द्वारा किया जाएगा जो स्वरूप धारण करने के नियम की तपस्या बीते 40 दिनों से कर रहे हैं। जिन्होंने नवरात्र की सप्तमी पर ट्रायल के अवसर पर हनुमान जी महाराज का स्वरूप धारण किया और नगर के कुछ स्थानों का भ्रमण किया इस दौरान करीब एक सैकड़ा से अधिक युवाओं ने उपस्थिति दर्ज कराकर उत्सव मनाया।
अष्टमी पर्व का हुआ आयोजन
संगठन के द्वारा अष्टमी पर हनुमान जी के स्वरूप की विधि विधान से पूजा अर्चना करने के उपरांत मां भगवती की पूजा अर्चना कर नौ कन्या भोज करवाया गया। जिसमें कन्याओं के चरण धूल कर तिलक वंदन कर उन्हें भोजन करने के उपरांत प्रसादी और उपहार भेंट किया गया। क्योकि उक्त स्थान पर हनुमान जी के स्वरूप के साथ-साथ मां भगवती के मनोकामना ज्योति कलश और जवारे की भी स्थापना की गई है जहां नवरात्र पर वह भी आस्था के साथ मनाया जा रहा है।