हरियाली अमावस्या आज है। इस मौके पर अनेक स्थानों पर पौध रोपण किया जाएगा। श्रावण अमावस्या को हरियाली अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। ज्योतिषियों के अनुसार हरियाली अमावस्या के दिन सुबह 7:05 बजे से पर पुनर्वसु नक्षत्र और उसके बाद पुष्य नक्षत्र का शुभ संयोग बन रहा है। इसके अलावा गुरु-पुष्य नक्षत्र का भी खास संयोग बन रहा है। ज्योतिषीय मान्यताओं के मुताबिक पुष्य नक्षत्रों का राजा है। ऐसे में गुरु-पुष्य नक्षत्र के शुभ योग में पितरों के निमित्त तर्पण करना अत्यंत शुभ फलदायी साबित होता है। राजधानी के ज्योतिषियों के अनुसार हरियाली अमावस्या के दिन पौधे लगाने और भगवान भोलेनाथ की पूजा अर्चना का विशेष महत्व है। इस बार हरियाली अमावस्या का पर्व सर्वार्थ और अमृत सिद्धि योग के विशेष संयोग में मनेगा। अमावस्या पर पितरों के निमित्त तर्पण और दान-पुण्य से परिवार में सुख-समद्धि आती है। आज इस पर्व के मौके पर शहर में अलग-अलग जगहों पर पौधारोपण के कार्यक्रम होंगे। पितरों के निमित्त तर्पण के अलावा शहर में कई धार्मिक व सामाजिक संगठन विभिन्न स्थानों पर पौधे रोपेंगे।मान्यता है कि हरियाली अमावस्या के दिन दिन नीम का पौधा रोपने से सेहत अच्छी रहती है। संतान सुख की प्राप्ति के लिए केले का पौधा लगाना शुभ माना गया है। इसी तरह परिवार में सुख-समृद्धि के लिए तुलसी का पौधा लगाना श्रेष्ठ है। मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने के लिए आंवले का पौधा लगाना उत्तम होता है। ज्योतिषियों के अनुसार हरियाली अमावस्या पर गुरुवार पड़ रहा है। इस दिन के अधिपति विष्णु भगवान हैं, इसलिए इस दिन पीपल और बरगद का पौधा अवश्य रोपें। पितृ दोष की शांति के लिए शाम को पीपल के पेड़ के पास दीप प्रज्जवलित करें।