तेहरान: लेबनान में मौजूद हिजबुल्लाह इजरायल के साथ-साथ लेबनानी सरकार के लिए भी मुसीबत है। हिजबुल्लाह के हमले के कारण इजरायल लेबनान पर बम गिराता है, जिससे आम लेबनानी और यहां की सरकार परेशान है। लेबनान के प्रधान मंत्री नजीब मिकाती ने हिजबुल्लाह को निरस्त्र करने का आह्वान किया है। उनके इरादे सामने आने के बाद अब ईरान के सुप्रीम लीडर हिजबुल्लाह को बचाने के लिए आ गए हैं। अयातुल्ला अली खामेनेई ने गुरुवार को कहा कि ईरान हिजबुल्लाह का समर्थन करता है, क्योंकि वह इजरायल के खिलाफ लेबनान की सबसे मजबूत शील्ड है।
उन्होंने हिजबुल्लाह को जायोनी शासन के खिलाफ सबसे मजबूत ढाल बताया। साथ ही आरोप लगाया कि इजरायल लेबनान का विघटन चाहता है। उनका यह बयान तब आया है जब इजरायल ने हिजबुल्लाह के खिलाफ अपना जमीनी अभियान तेज कर दिया है।
23 सितंबर से बेरूत के आसपान के कई गढ़ों पर इजरायल ने हवाई हमले किए हैं। न्यूज एजेंसी एएफपी की रिपोर्ट के मुताबिक संघर्ष के कारण अब तक लेबनान में 1552 लोग मारे गए। जबकि यूएन की रिपोर्ट के मुताबिक 8 लाख लोगों को घर छोड़ना पड़ा।
हिजबुल्लाह पर बोला था हमला
खामेनेई का बयान लेबनानी प्रधानमंत्री की ओर से पेरिस में एक सम्मेलन के दौरान दिए गए बयान के बाद आया है। इस सम्मेलन में उन्होंने लेबनानी सेना को छोड़कर देश के सभी समूहों को निरस्त्र करने का आह्वान किया। मिकाती ने कहा, ‘लेबनान के अधिकारियों को पूरे लेबनानी क्षेत्र पर तैनाती करनी चाहिए। हथियार सिर्फ लेबनानी सेना के पास ही होना चाहिए।’
हिजबुल्लाह को ईरान का समर्थन
हिजबुल्लाह का लेबनान की राजनीति और सेना में महत्वपूर्ण स्थान है। ईरान से इसे समर्थन मिलता है। खामेनेई के बयान से पहले हिजबुल्लाह ने अपने वरिष्ठ नेता हाशेम सफीद्दीन की मौत की पुष्टि की थी। हसन नसरल्लाह की मौत के बाद वह हिजबुल्लाह का उत्तराधिकारी बन सकता था। सफीद्दीन और नसरल्लाह दोनों अलग-अलग धमाकों में मारे गए हैं।