४ दशक पूर्व बनी पुलिया हुई जर्जर

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आखिरकार खापा कैप्स में जा रहे लोडेड ट्रकों की वजह से सिंचाई विभाग की नहर के ऊपर बनी पुलिया बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई। पुलिया के ऊपर बनी बाऊंडीवाल के दोनो तरफ के आधे हिस्से नहर में समा गये है। ऐसे में नहर विभाग किसी प्रकार का संज्ञान नही ले रहा है जो परेशानी का सबब बन गया है।

१ दर्जन से अधिक ग्रामों के ग्रामीण करते है आवागमन

गौरतलब है की मेहंदीवाड़ा होते हुये खापा, बोदलकसा व जराहमोहगॉव तक का यह मार्ग है जो सीधे नगर मुख्यालय आने के लिये इस्तेमाल किया जाता है। ऐसे में मेहंदीवाड़ा के १०० मीटर दूर नहर के ऊपर ४ दशक पूर्व इस पुलिया का निर्माण हुआ था जो अब अपनी अंतिम सांस गिर रही है। जहां एक और पुलिया के ऊपर दो फीट की बाऊंडीवाल का आधा हिस्सा गिर चुका है वही बाकी का हिस्सा भी आगामी दिनों में गिर जायेगा।

दुर्घटनाओं को मिल रहा खुला निमंत्रण – लक्ष्मीचंद

इस संबंध में बोदलकसा निवासी लक्ष्मीचंद बिसेन ने पद्मेश को बताया की उनका प्रतिदिन इस मार्ग से आना जाना होता है। नहर की पुलिया भी भारी ट्रकों के आने जाने से जहा हिल रही है वही दोनों तरफ की बाऊंडीवाल का अधिकांशता हिस्सा गिरकर नहर में चला गया है। ऐसे में खापा कैप्स की और आने जाने वाले ट्रकों की आवाजाही के चलते पुलिया के ऊपर अपना दोपहिया वाहन खड़ा भी नही कर सकते क्योंकि क्या पता कब ट्रक बेकाबू हो जाये और हमे नहर में कूदना पड़े। ऐसे में सिंचाई विभाग को इस और विशेष रूप से ध्यान देना चाहिये। ऐसा प्रतीत होता है की यह दुर्घटनाओं को खुला निमंत्रण है।

प्रकाश व्यवस्था से भी जूझ रही पुलिया – मंगल बिसेन

इसी तरह मंगल बिसेन ने पद्मेश को बताया की वे मंडी में सहायक उपनिरिक्षक है। उन्हे कई मर्तबा राईस मिल में आने वाले ट्रकों की चेकिंग करने दिन व रात्री में खापा स्थित मार्ग पर आना पड़ता है। ऐसे में नहर के ऊपर बनी पुलिया की बाऊंडीवाल व उसकी जर्जर अवस्था को देखते हुये पर से आवागमन करने में डर सा लगने लगा है। हम सिंचाई विभाग से इस पुलिया की सुध लेने की मांग करते है। एक तो प्रकाश व्यवस्था भी पुलिया के ऊपर नही है। अंधेरे में कभी भी कोई भारी या छोटा वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो सकता है।

इसी तरह ग्रामीण सुरेश कोल्ते ने पद्मेश को बताया की पुलिया की बाऊंडीवाल टूटने की वजह से कई लोग रात्री में अनबेलेंस होकर गिर रहे है। वही पुलिया भी काफी जर्जर अवस्था में है। किसी न किसी दिन कोई न कोई बड़ा हादसा हो सकता है। ऐसे में विभाग को नवीन पुलिया का निर्माण या फिर इस पुलिया का जीर्णोध्दार करना चाहिये। क्योंकि पुलिया पर परिवहन का भारी दबाव रहता है।

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