६ दिवस से नही हो रही कृषि उपज मंडी में धान खरीदी व्यपारी एसोशियेशन हड़ताल पर – चॉवल पर केन्द्र सरकार ने बढ़ाया ३० प्रतिशत शुल्क

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वारासिवनी धान मंडी मंडी बीते ६ दिवस से बंद है। इसकी वजह केन्द्र सरकार द्वारा धान पर ३० प्रतिशत शुल्क बढ़ाये जाने को बताया जा रहा है। जिसका असर मंडी मे आने वाली धान पर पड़ रहा है। मंडी मे किसान आ तो जो जरूर रहे है मगर उन्हे निराशा पूर्वक लौटना पड़ रहा है। क्योकि मंडी में व्यपारी संगठन द्वारा न तो उनकी धान की बोली लगाई जा रही हे। न तो किसी प्रकार की खरीदी की जा रही है। ऐसे मे किसान निराश होकर लौट रहा है। व्यपारी एसोसियेशन द्वारा यह अनिश्चत कालीन हड़ताल इस वजह से की गई है क्योकि चॉवल पर केन्द्र सरकार द्वारा ३० प्रतिशत शुल्क लगा दिया गया है। जिसकी वजह से मंडीे मे धान खरीदी करने वाले व्यपारीयो ने अनिश्चित कालीन हड़ताल कर दी है। व्यपारियो का साफ तौर पर कहना है कि केन्द्र सरकार ने जिस तरह से से धान से निर्मित होने वाले चॉवल पर जीएसटी के नाम पर जो शुल्क बढ़ाया है उसकी वजह से वे धान मंडी मे बोली लगाने नही जा रहे है। हम नही जानते की क्यो नही लग रही हमारी धान की बोली – सुरेन्द्र जैतवार पदम्मेश को जानकारी देते हुये बोदलकसा से आये कृषक सुरेन्द्र जैतवार ने बताया कि उन्होने सुबह ही अपनी धान को लेकर वारासिवनी कृषि उपज मंडी में लाया गया था। मगर जानकारी लगी की मंडी मे राईस मिल एसोसियेशन की हड़ताल चल रही है। जिसकी वजह से उनकी धान की बोली नही लगेगी की ऐसे में वे अपनी धान को लेकर अपने ग्राम जा रहे है। उन्हे इस बात की जानकारी नही है कि व्यपारी संगठन क्यो धान की बोली नही लगा रहा है। मगर आने जाने मे हमे जो आर्थिक नुकसान हो रहा है उससे हम ज्यादा पीडि़त है। ऐसे मे कई मर्तबा किसान यह सोचता है कि हम खेती कर मजदूरी करे। आर्थिक भार झेलने को मजबूर है हम किसान – चन्द्रविजय ठाकुर इसी तरह नारवांजपार के कृषक चंद्रविजय ठाकुर ने बताया कि वे अपनी धान बेचने वारासिवनी कृषि उपज मंडी आये थे। उन्हे पता चला की व्यपारियो की हड़ताल की वजह से धान की बोली नही लगेगी। अब इस धान को हम पुन: अपने घर लेकर जायेंगे। हड़ताल किस वजह से हो रही है इस बात की जानकारी हमे नही है। मगर हम किसानो को अब दोहरी आर्थिक मार को झेलना पड़ेगा। हम चाहते है कि शासन व्यपारियो की जो मांग को लेकर की जा रही हड़ताल पर सुध ले। ताकि हम किसानो को आर्थिक नुकसान नही झेलना पड़े क्योकि हम जब अपनी उपज अपने ग्राम से लेकर आते है तो हमे जिस साधन से उपज लेकर आ रहे है उसका आर्थिक भार भी झेलना पड़ता है। प्रदेश की २३० मंडी मे नही हो रही धान खरीदी – जुगल खंडेलवाल इस संबंध मे व्यपारी संघ नगर अध्यक्ष जुगल किशोर खंडेलवाल ने पदम्मेश को बताया कि व्यपारियो द्वारा पूरे मध्यप्रदेश की मंडी मे अनिश्चित कालीन हड़ताल की जा रही है। किसानों से जो धान व्यपारी खरीदता था वो धान का चॉवल बनाता था मगर केन्द्र सरकार ने उस पर ३० प्रतिशत शुल्क लगा दिया है। जिससे व्यपारियो को भारी नुकसान हो रहा है। ऐसे मे पूरे प्रदेश की २३० धान मंडी बंद है। रही बात किसान की हो रही असुविधा की तो सरकार को अपने पाईंट

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