10 दिन बाद धरती के निकट से गुजरेगा उल्कापिंड, पृथ्वी के गुरुत्व ने खींचा तो मच सकती है तबाही

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कई बार आपने खबर पढ़ी होगी कि दुनिया समाप्त होने वाली है। इसकी वजह बताई जाती है उल्कापिंड से होने वाली टक्कर। ऐसे कई डेट्स आए और गए, जिसमें दुनिया के खत्म होने की बात कही जाती थी। लेकिन आखिरी वक्त में खतरा टल जाने से दिक्कत नहीं आई। एक बार फिर वैज्ञानिकों ने ऐसी ही भविष्यवाणी की है। सितंबर माह में एक विशाल उल्कापिंड से धरती के पास से गुजरने की संभावना है। कहा जा रहा है कि दो हफ्ते बाद धरती के बेहद नजदीक से एक विशालकाय पत्थर गुजरेगा।
जानकारी के मुताबिक़, इस पत्थर का साइज बिग बेन टावर, जो दुनिया का सबसे बड़ा टावर है, उससे भी ज्यादा होगा। इसे वैज्ञानिकों ने 2008 आरडब्ल्यू नाम दिया है। यह पत्थर कई सालों से चक्कर लगा रहा है। हर तीन से चार हफ्ते में ये धरती के नजदीक से होकर गुजरता है। लेकिन इस बार वह जरुरत से ज्यादा ही नजदीक से गुजरने वाला है। अगर धरती के गुरुत्वाकर्षण ने इसे अपनी और खींच लिया, तो यह बड़ी तबाही का कारण बन जाएगा।
वैज्ञानिकों के मुताबिक़, 2008 आरडब्ल्यू धरती के बेहद करीब से गुजरने वाला है। गणित के मुताबिक़, 13 सितंबर को रात के 1 बजकर 50 मिनट पर 2008 आरडब्ल्यू करीब 10 किलोमीटर प्रति सेकंड की रफ़्तार से गुजरेगा। धरती से इसकी दुरी 6।7 मिलियन किलोमीटर होगी, जो धरती द्वारा गुरुत्वाकर्षण से खींचने के लिए काफी है। काफी ज्यादा संभावना है कि धरती का गुरुत्व इसे अपनी ओर खींच ले।
अभी तक यह कन्फर्म नहीं है कि अगर यह धरती से टकराया तो टक्कर कहां होगी। नासा लगातार इसपर नजर बनाए हुए है। विशेषज्ञों ने 2008 आरडब्ल्यू के बारे में बताया कि इसकी खोज सबसे पहले 2 सितंबर 2008 को हुई थी। एक हजार तेईस दिन में ये सूरज का चक्कर लगा लेता है। अभी तक कई बार यह पृथ्वी के पास से गुजर चुका है, लेकिन इस बार यह पृथ्वी के काफी निकट से गुजर रहा है। इसी वजह से टक्कर की आशंका जताई जा रही है।

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