कोरोना संक्रमण महामारी की दूसरी लहर में भले ही सरकारी आकडे में पॉजिटिव मरीजों की संख्या में कमी आ गई हो लेकिन जिले के भीतर मृतकों की संख्या में कमी नहीं आ रही।
3 और 4 जून को बालाघाट और वारासिवनी तहसील के ग्रामीण क्षेत्रों में कुल 10 शव के अंतिम संस्कार किए गए। इस दौरान जिला मुख्यालय में 3 जून को जहां एक भी शव का अंतिम संस्कार कोरोना गाइडलाइन के तहत नहीं किया गया, तो वही 4 जून की शाम को 2 शव का अंतिम संस्कार किया गया।
इसी तरह वारासिवनी तहसील मुख्यालय से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक 3 और 4 जून को दोनों ही दिन मौत का सिलसिला चलता रहा। 3 जून को दीनी, दिनेरा, पिपरिया, जागपुर में 1-1 शव का अंतिम संस्कार किया गया।
4 जून को वारासिवनी में तहसील मुख्यालय में एक मुख्यालय से लगे हुए वारा, बुदबुदा, रामपायली में भी 1-1 शव का अंतिम संस्कार किया गया।
निश्चित ही जिला मुख्यालय स्थित सरकारी अस्पताल में मरीजों की संख्या का आंकड़ा कम हो गया हो। मरीजो के अभाव में बहुत से निजी कोविड अस्पताल बन्द कर दिए गए हो, लेकिन सरकारी अस्पताल के आईसीयू वार्ड में लगातार मरीजों की संख्या कम नहीं हो रही जिससे मौत का सिलसिला थम नहीं रहा।