11 साल बाद सर्व पित्र अमावस्या पर कुतुप काल में गज छाया योग, जानें क्या करें

0

अश्विन महीने की अमावस्या 6 अक्टूबर को सर्वपितृ अमावस्या का पर्व मनाया जाएगा। इस साल पितरों की विदाई तथा श्राद्ध पक्ष की समाप्ति गज छाया योग में होगी। गज छाया योग में तीर्थ स्थान में ब्राह्मण भोजन, वस्त्र, आदि का दान और श्राद्ध करने का विशेष महत्व होता है। इसमें विधि विधान से श्राद्ध करने से पितरों को तृप्ति मिलती हैं और श्राद्ध करने वालों को पारिवारिक उन्नति और संतान से सुख मिलता है। साथ ही कर्जे से भी मुक्ति मिलती है।

बालाजी धाम काली माता मंदिर के ज्योतिषाचार्य सतीश सोनी के अनुसार इस बार 21 साल बाद सर्वपितृ अमावस्या पर कुतुप काल में गज छाया योग रहेगा। इस संयोग में श्राद्ध और दान करना बहुत ही शुभ माना गया है। इससे पहले 7 अक्टूबर 2010 को यह संयोग बना था। अब 8 साल बाद 2029 में फिर से 7 अक्टूबर को यह संयोग बनेगा। इस बार खास बात यह भी है कि पितृ पक्ष की अमावस्या बुधवार को है और इस दिन सूर्य चंद्रमा दोनों ही बुध की राशि यानी कन्या में रहेंगे। गज छाया योग का प्रमाण स्कंद पुराण और महाभारत में मिलता है। तिथि नक्षत्र और ग्रहों से मिलकर बनने वाले इस शुभ संयोग में श्राद्ध करने का विशेष महत्व बताया गया है। इस शुभ संयोग में पितरों के लिए किए गए श्राद्ध और दान का अक्षय फल मिलता है। इस शुभ योग में श्राद्ध करने से कर्ज से भी मुक्ति मिलती है। घर में श्राद्ध करने से समृद्धि और शांति होती है। गजछाया योग में किए गए श्राद्ध और दान से पितर अगले 12 सालों तक के लिए तृप्त हो जाते हैं।

कैसे निष्पादित होता है गज छाया योगः गजछाया योग 2 तरह से बनता है। पहला जब पितृ पक्ष की 13वीं तिथि यानी त्रयोदशी के दौरान सूर्य हस्त नक्षत्र में होता है और चंद्रमा मघा नक्षत्र में होता है तो इसे गजछाया योग कहा जाता है। दूसरा पितृ पक्ष की अमावस्या पर जब सूर्य और चंद्रमा दोनों ही हस्त नक्षत्र में होते हैं, तो इसे भी गजछाया योग कहा जाता है। ऐसी स्थिति 6 अक्टूबर बुधवार को सूर्योदय से शाम 4:34 बजे तक रहेगी। ये योग कुतुप काल सुबह 11:36 से दोपहर 12:24 तक रहेगा। इसलिए इस दिन श्राद्ध और दान का अक्षय फल मिलेगा। इस शुभ योग में पितरों के लिए श्राद्ध के दिन खीर में मिला हुआ घी दान करने से पितर गण कम से कम 12 सालों के लिए तृप्त हो जाते हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here