उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव का सियासी पारा अब चढ़ने लगा है और भारतीय जनता पार्टी एक बार फिर चुनाव जीतने को लेकर आश्वस्त है। इस बीच यह संभावना जताई जा रही है कि भारतीय जनता पार्टी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अयोध्या सीट से चुनावी मैदान में उतार सकती है। दिल्ली में भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक हुई। बैठक में केंद्रीय मंत्री अमित शाह, अनुराग ठाकुर, धर्मेंद्र प्रधान और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हिस्सा ले रहे हैं। PM नरेंद्र मोदी, BJP अध्यक्ष जे.पी. नड्डा और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह वर्चुअली शामिल हुए।
सीट शेयरिंग को लेकर ये हो सकता है फॉर्मूला
सूत्रों के जरिए जानकारी सामने आई है कि भाजपा कोर कमेटी की बैठक में सीट शेयरिंग को लेकर भी फॉर्मूला तय कर लिया गया है। अपना दल और निषाद पार्टी उत्तर प्रदेश में 15 से 20 सीटों पर चुनाव लड़ सकते हैं।इससे पहले यह खबर आई थी कि अनुप्रिया पटेल ने भाजपा के सामने 30 से 35 सीटों की मांग की है, लेकिन उन्हें 15 से 17 सीटों के बीच सीट मिल सकती है। पिछली बार अपना दल को 11 सीटें मिली थीं, जिसमें से उसे 9 सीटें मिली थीं. इस तरह भाजपा अपना दल को 2017 के मुकाबले ज्यादा सीटें दे रही है।
दिल्ली: बीजेपी की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक शुरू हुई। बैठक में केंद्रीय मंत्री अमित शाह, अनुराग ठाकुर, धर्मेंद्र प्रधान और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हिस्सा ले रहे हैं। PM नरेंद्र मोदी, BJP अध्यक्ष जे.पी. नड्डा और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह वर्चुअली शामिल होंगे।
विधान परिषद के सदस्य है योगी आदित्यनाथ
आपको बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ फिलहाल उत्तर प्रदेश विधानसभा परिषद के सदस्य हैं और इस बार विधानसभा चुनाव लड़ने को तैयार हैं, लेकिन इस पर कोई भी अंतिम फैसला पार्टी का शीर्ष नेतृत्व करेगा। अयोध्या सीट से योगी आदित्यनाथ को चुनाव लड़ने को लेकर पार्टी के भीतर चर्चा हो रही है। इस बारे में अंतिम फैसला पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) में लिया जा सकता है।
भाजपा में केंद्रीय चुनाव समिति ही सभी सीटों पर प्रत्याशियों के नामों को अंतिम रूप देता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस समिति के सदस्य हैं। उत्तर प्रदेश में दूसरे चरण में 14 फरवरी को राज्य की 55 सीटों पर मतदान होगा। अयोध्या के अलावा मथुरा और गोरखपुर दो ऐसी सीटें हैं, जहां से अगर भाजपा आलाकमान योगी आदित्यनाथ को मैदान में उतारने का फैसला करता है तो मुख्यमंत्री को मैदान में उतारा जा सकता है।
योगी आदित्यनाथ का गढ़ है गोरखपुर
गोरखपुर को योगी आदित्यनाथ का गढ़ माना जाता है। योगी आदित्यनाथ गोरखपुर से कई बार सांसद भी चुने जा चुके हैं। साथ ही योगी आदित्यनाथ गोरखनाथ मंदिर के प्रमुख महंत भी हैं। इस बीच अगर भाजपा योगी आदित्यनाथ को अयोध्या से मैदान में उतारती है, तो यह एक बड़ा संदेश देगा क्योंकि राम मंदिर का निर्माण तेज गति से चल रहा है और योगी आदित्यनाथ पार्टी का मुख्य हिंदुत्व चेहरा हैं।
अयोध्या सीट का प्रतिनिधित्व राज्य विधानसभा में भाजपा के वेद प्रकाश गुप्ता कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और दिनेश शर्मा के साथ प्रदेश भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह पिछले दो दिनों से दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं और उम्मीदवारों के नाम और चुनावी रणनीति को लेकर लगातार केंद्रीय नेतृत्व से चर्चा कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश में 7 चरणों में चुनाव होंगे और इसकी शुरुआत 10 फरवरी को राज्य के पश्चिमी हिस्से के 11 जिलों की 58 सीटों पर मतदान के साथ होगी।