शहर में नगर निगम और पीडब्ल्यूडी द्वारा बनाई गई 150 करोड़ रुपये की सड़कें तीन साल बाद ही उखड़ गई हैं। बीते दिनों हुई भारी वर्षा ने सड़कों के निर्माण की पोल खोलकर रख दी है। करोंद गल्ली मंडी की 80 फीट सड़क है। इस सड़क पर 10 फीट लंबे और डेढ़ से दो फीट गहरे गड्ढे हो जाने से आवागमन मुश्किल हो गया है। इसके बावजूद भी शहर की उखड़ी सड़कों को लेकर नगर निगम और पीडब्ल्यूडी दोनों ही ध्यान नहीं दे रहे हैं। बता दें कि शहर में सड़क बनाने का काम नगर निगम, पीडब्ल्यूडी और सीपीए द्वारा किया जाता है। जब से सीपीए को खत्म किया है तब से उसकी सड़कें भी पीडब्ल्यूडी के पास आ गईं हैं। इनके द्वारा हर साल सड़क बनाने के लिए 50 करोड़ रुपये का बजट तय किया जाता है। उधर करोंद चौराहे से लेकर निशातपुरा रेलवे फाटख तक सड़क निर्माण का कार्य किया जा रहा है। वहीं निशातपुरा ओवरब्रिज का काम भी पूरा नहीं हो सका है। ऐसे में इस मार्ग से आवागमन बंद होने की वजह से लोग गल्ला मंडी की 80 फीट सड़क से आवागमन कर रहे हैं। यह सड़क अयोध्या बायपास से छोला ओवरब्रिज होते हुए डीआइजी बंगला मार्ग तक पहुंचती है। इसके वर्षा में पूरी तरह से उखड़ जाने से लोगों का चलना तो मुश्किल हो गया है और यहां पर हादसे भी हो रहे हैं। नगर निगम सीमा के 19 जोन में कुछ ही सड़क होंगी, जिन पर आसानी से चला जा सके। जबकि 1605 किलोमीटर लंबाई की सड़कें तो गारंटी पीरियड में ही उखड़ गई है। कोलार से लेकर करोंद, बैरागढ़ से लेकर भेल तक गलियों में सीमेंट कांक्रीट की सड़के बनी थी। तीन साल तक इनके रखरखाव की जिम्मेदारी ठेकेदार की होती है। अब जब सड़के वर्षा के बाद उखड़ गई हैं तो ठेकेदार पाइप लाइन की खोदाई और कमजारे रेस्टोरेशन का हवाला देकर पल्ला झाड़ रहे हैं। इधर नगर निगम मलबा तो कहीं पर रेडीमिक्स डालकर खानापूर्ति कर रहा है। वर्षा से उखड़ी सड़कों में नगर निगम की सबसे अधिक सड़कें गलियों, मोहल्लों, कालोनियों में हैं। वहीं पीडब्ल्यूडी की 300 किलोमीटर की सड़कें मुख्य मार्ग की है। इन सड़कों के उखड़ जाने से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। शहर में सड़कों को बनाने के लिए नगर निगम और पीडब्ल्यूडी के बीच खींचतान चलती रहती है। इसे खत्म करने के लिए तत्कालीन महापौर आलोक शर्मा ने सड़क विकास प्राधिकरण का प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा था। यह प्रस्ताव फाइलों में ही बंद होकर रह गया है। इसके बाद वार्ड अनुसार नक्शे बनाकर सड़कों को विभागों के अनुसार अलग-अलग रंग से चिह्नित करने की योजना बनाई थी। इस बारे में नगर निगम आयुक्त् केवीएस चौधरी का कहना है कि शहर में वर्षा के कारण उखड़ी सड़कों का सर्वे कराया जा रहा है। जो सड़कें ठेकेदार के पास है उनका निर्माण उनके द्वारा ही कराया जाएगा। वहीं नगरनिगम की सड़कों का निर्माण निगम द्वारा कराया जाएगा। वहीं पीडब्ल्यूडी से उनके पास आने वाली सड़कों को बनाने के लिए कहा गया है।