लैटिन अमेरिका देश चिली में एक 16 साल की लड़की अपने रैप के जरिए वहां की मूल निवासी मापचे कम्युनिटी के लिए आवाज उठा रही है। वो खुद भी इसी कम्युनिटी से तात्लुक रखती हैं। परफॉर्मेंस के दौरान वो अक्सर अपने ट्रेडिशनल मापचे ड्रेस में दिखती हैं।
मापुचे कम्युनिटी के संघर्ष को दिखाती रैप क्वीन
एमसी मिलरे का पूरा नाम मिलरे जरा कोलियो है। 16 साल की एमसी चिली की उभरती हुई रैप स्टार हैं। साथ ही वो मापुचे कम्युनिटी के आंदोलनों का प्रमुख चेहरा भी। वो अपने गाने के बोल में यूरोपीय उपनिवेशवादियों के खिलाफ देश के सबसे बड़े स्वदेशी समूह यानी मापचे कम्युनिटी के पांच सौ साल के संघर्षों को बताती हैं। एमसी मापचे कम्युनिटी को लेकर सोशल मीडिया पर काफी मुखर हैं। इंस्टाग्राम पर इनके 25 हजार से अधिक फॉलोअर्स हैं। नए संविधान के सपोर्ट में एमसी अपने पिता एलेक्स जरा के साथ पॉलिटिकल रैली में परफॉर्म भी कर चुकी हैं।
नए संविधान के पक्ष में चलाया कैंपेन
एमसी मिलारे ने कुछ महीने पहले राजधानी सैंटियागो में एक अभियान कार्यक्रम में जोरदार प्रदर्शन दिया था। उनका यह परफॉर्मस देश के एक नए संविधान पर मतदान करने से ठीक एक सप्ताह पहले था। अपने दमदार प्रदर्शन के बाद एमसी ने इंटरव्यू में कहा- मेरे अंदर दो इंसान हैं। कभी-कभी मैं एक छोटी लड़की की तरह महसूस करती हूं- ‘मैं खेलती हूं, मुझे मजा आता है और मैं हंसती हूं। ऑन स्टेज मैं रैप के जरिए सबकुछ कहती हूं। यह मुझे आजाद करता है। जब मुझे माइक मिलता है फिर मैं एक अलग इंसान होती हूँ।’
अगर नए संविधान को मंजूरी मिली जाती है तो यह मूल निवासियों के अधिकारों की सुरक्षा करने वाला होगा। हालांकि, एमसी वोट देने के लिए काफी छोटी थीं लेकिन वो उन 100 आर्टिस्ट में शमिल हैं, जिन्होंने नए संविधान के पक्ष में कैंपेन चलाया था।
मापुचे कम्युनिटी का पांच सौ सालों का संघर्ष
चिली में साल 2019 के अक्टूबर में सामाजिक गैर बराबरी को लेकर 12 लाख लोग सड़कों पर धरना-प्रदर्शऩ के लिए उतरे। लोगों की मांग आर्थिक सुधार की थी। वहां अमीर-गरीब के बीच बहुत ज्यादा अंतर है। प्रदर्शऩ का असर देखते हुए वहां की सरकार ने नए संविधान के ड्राफ्ट की बात कही। साथ ही मापचे कम्युनिटी को उसमें शामिल करने की बात कही।