17 लाख की आबादी के लिए महज 09 जन औषधि केन्द्र, इनमें भी दवाइयों का टोटा

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बालाघाट(पदमेश न्यूज़)
आम लोगों को कम दर पर जेनरिक दवाइयां उपलब्ध कराने के मकसद से प्रधानमंत्री जन औषधि केन्द्र मप्र सहित सम्पूर्ण देश मे खोले गए हैं। लेकिन जिले में इस परियोजना के हाल बेहाल है।बात अगर बालाघाट नगर की करे तो करीब डेढ़ लाख की आबादी में पहले महज 1जन औषधि केंद्र था।जहा एक केंद्र हाल ही जिला अस्पताल के ट्रामा सेंटर समीप खोला गया है।इस तरह अब बालाघाट नगर में 02 जन ओषधि केंद्र हो गए है। वही बात अगर सम्पूर्ण बालाघाट जिले की करे तो जिले में करीब 17 लाख की आबादी के लिए महज 09 केन्द्र ही मुहैया कराए गए हैं। इन केन्द्रों में भी दवाइयों की कमी बनी हुई है। परिणाम स्वरूप जिस मंशा से इन केन्द्रों का संचालन शुरू किया गया है, वह पूरा नहीं हो पा रहा है। जिले की करीब 80 प्रतिशत आबादी अब भी इन केन्द्रों के लाभ से महरूम है। और वे निजी दवा दुकानों से महंगी दवाइयां खरीदने के लिए मजबूर है।

जन औषधि केंद्र की स्थिति
सरकारी आकड़ो से प्राप्त जानकारी के अनुसार नगर में महज 02 जन ओषधि केंद्र है। एक जन औषधि केंद्र जिला मुख्यालय में नावेल्टी हाउस रोड पर स्थित है। वहीं हाल ही में जिला अस्पताल के समीप एक केन्द्र खोला गया है।इनके अलावा तीसरा 100 किमी. दूर मलाजखंड में ताम्र परियोजना के अस्पताल में संचालित है। एक अन्य जगह पर संचालित हो रहा है। सरकारी जानकारी के अनुसार सहकारिता विभाग की ओर से भी जिले में 05 जन औषधी केन्द्र संचालित किए जा रहे है। लेकिन इनका संचालन कहा हो रहा इसकी जानकारी उनके पास भी नहीं है। इन केन्द्रों की जानकारी नहीं होने के कारण भी लोग सस्ती दर पर दवाइयां क्रय नहीं कर पा रहे हैं।

कम दर में मिलती है दवाइयां
जानकारी के अनुसार जन औषधि केंद्रों में अन्य मेडिकल दुकानों की तुलना में 30 से 35 प्रतिशत कम दर में दवाइयां मिलती हैं। एक सामान्य मेडिकल दुकानों में मिलने वालीं दवाइयों की निर्माता कंपनी द्वारा लागू की जाने वाली एरिया मैनेजर, मेडिकल रिप्रजेंटेटिव, टूट-फूट की लागत औषधि केंद्रों में लागू नहीं होती। इस कारण एक मेडिकल दुकान में मिलने वाली सौ रुपए की दवाई इन केंद्रों में 30 से 35 रुपए में उपलब्ध होती हैं।

इन दवाइयों की बनी है कमी
विभागीय जानकारी के अनुसार जिले में संचालित इन केन्द्रों में ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, दर्द की जरूरी दवाइयों की कमी अक्सर बनी रहती है। आमजनों की माने तो जरूरी दवाइयों के लिए या तो सप्ताह भर से दस दिनों तक इंतजार करना पड़ता है या फिर आपात स्थिति में अन्य मेडिकल दुकानों से महंगी कीमत में दवाइयां खरीदनी पड़ती हैं। केंद्र संचालक की मानें तो सबसे अधिक मांगी जाने वाली दवाइयों के लिए मांग भेजी जाती है, लेकिन पहली बार में दवाइयां उपलब्ध नहीं हो पाती। इसके लिए दो से तीन बार मांग भेजी जाती है। इससे ग्राहकों को परेशानी होती है।

बड़े शहरों में हो रही सप्लाई
जिला मुख्यालय स्थित जन औषधिक केंद्र के संचालकों ने औपचारिक चर्चा में बताया कि उनके केंद्र में पर्याप्त मात्रा में दवाइयां हैं, जो परियोजना के नियमों के तहत कम दाम में बेची जाती हैं। अन्य बड़े शहरों में बड़ी मात्रा में दवाइयों की कमी रहती है, इस कारण मंडला, सिवनी, जबलपुर, रायपुर जैसे शहरों के लोग बालाघाट से दवाइयां मंगाते हैं।

हर चौथे दिन भेज रहे डिमांड
केंद्र संचालको ने आगे बताया कि केंद्र में ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, कोलेस्ट्रॉल कम करने, दर्दनाशक जेल जैसी दवाइयों की लंबे समय से उपलब्धता नहीं है, इसके लिए हर चौथे दिन डिमांड भेजी जाती है। अगर 120 दवाइयों की मांग भेजी जाती है, तो उसमें 60 से 70 दवाइयां ही उपलब्ध हो पाती हैं। बताया गया कि प्रधानमंत्री जन औषधि परियोजना के तहत केंद्र को गुडग़ांव से दवाइयों की सप्लाई होती है, लेकिन बड़े शहरों में इसके वितरक भी हैं, जहां से वे सालों से दवाइयों को सप्लाई ले रहे हैं। मलाजखंड स्थित केंद्र में भी वितरक से दवाइयों की आपूर्ति की जाती है।

इन दवाइयों की है लंबे समय से कमी
:- टेलेसार्टन मेटाप्रोलाल 50 एमजी (ब्लड प्रेशर)
:- ओल्मीसार्टन 20 एमजी (ब्लड प्रेशर)
:- डायक्लोफैनिक जैल (दर्दनाशक)
:- रासूवेटेटेन एस्प्रिन (खून पतला करने)
:- विल्डा ग्लिप्टिन 50 एमजी मैटफार्मिन हाइड्रोक्लोराइड शुगर के लिए।

नए केंद्र खुलने से मिलेगी राहत- पांडेय
इस पूरे मामले को लेकर की गई चर्चा के दौरान जिला चिकित्सा एंव मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी डॉ मनोज पांडेय ने बताया कि जिले में अभी चार व सहकारिता के कुल 9 जन औषधि केंद्र संचालित हैं, जिसमें जिला मुख्यालय स्थित केंद्र में निजी फार्मासिस्ट के पास लाइसेंस तो दूसरा केंद्र मलाजखंड ताम्र परियोजना प्रबंधन द्वारा उनके अस्पताल में संचालित होता है। जिला अस्पताल के सामने भी एक केन्द्र खुलवाया गया है। अक्सर समय पर दवाइयां उपलब्ध नहीं होने की बात सामने आती हैं, लेकिन अभी तक विभाग के पास ऐसा मामला संज्ञान में नहीं है। आगामी समय में प्रत्येक ब्लॉक और सहकारी बैंकों के माध्यम से भी नए जन औषधि केंद्र खोलने की योजना है। इसके तहत जिले में नए केंद्र खोले जाएंगे। हालांकि, ये केंद्र कहां और कब तक शुरू होंगे, ये स्पष्ट नहीं है।

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