शेयर बाजार के लिए यह महीना अब तक अच्छा नहीं रहा है। अमेरिकी शेयर बाजार तो इस महीने अब तक एक भी दिन नहीं चढ़ा है। एक हफ्ते में ही एसएंडपी 500 इंडेक्स में शामिल कंपनियों का मार्केट कैप 2.2 ट्रिलियन डॉलर कम हो चुका है। ऐतिहासिक रूप से सितंबर का महीना शेयर मार्केट्स के लिए अच्छा नहीं रहता है। यही वह महीना रहा है जब शेयर मार्केट्स ने एवरेज निगेटिव रिटर्न दिया है। शुक्रवार को भारत समेत दुनियाभर के शेयर मार्केट में गिरावट आई। सेंसेक्स कारोबार के दौरान 1,200 अंक तक गिरा जिससे निवेशकों के पांच लाख करोड़ रुपये स्वाहा हो गए।
अमेरिकी कंपनियों में सबसे ज्यादा गिरावट दुनिया का सबसे बड़े रईस एलन मस्क की कंपनी टेस्ला के शेयरों में रही। इस कंपनी के शेयरों में 8.45 फीसदी गिरावट आई। इसके साथ ही कंपनी दुनिया की सबसे ज्यादा मूल्यवान कंपनियों की लिस्ट में 11वें नंबर पर पहुंच गई। एनवीडिया और गूगल की पेरेंट कंपनी अल्फाबेट के शेयरों में चार फीसदी से अधिक गिरावट रही जबकि ऐमजॉन और फेसबुक की पेरेंट कंपनी मेटा प्लेटफॉर्म्स के शेयर तीन फीसदी से ज्यादा लुढ़क गए। इस गिरावट से अमेरिका के टॉप अरबपतियों की नेटवर्थ में भी गिरावट आई। मस्क को सबसे ज्यादा 13 अरब डॉलर का भारी नुकसान हुआ।
भारतीय बाजार का हाल
वैश्विक बाजारों में कमजोर रुख और विदेशी कोषों की ताजा निकासी की वजह से शुक्रवार को घरेलू शेयर बाजारों में भारी गिरावट दर्ज की गई। सेंसेक्स 1,017 अंक लुढ़क गया जबकि निफ्टी ने 293 अंक का गोता लगाया। यह घरेलू शेयर बाजारों में गिरावट का लगातार तीसरा सत्र रहा। सेंसेक्स की 30 कंपनियों में एसबीआई में सर्वाधिक चार प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। इसके अलावा एनटीपीसी, आईसीआईसीआई बैंक, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, रिलायंस इंडस्ट्रीज, एक्सिस बैंक और आईटीसी के शेयरों में भी नुकसान रहा। दूसरी तरफ बजाज फाइनेंस, एशियन पेंट्स, जेएसडब्ल्यू स्टील और मारुति सुजुकी के शेयर बढ़त के साथ बंद हुए। जानकारों का कहना है कि घरेलू बाजार में निकट अवधि का रुझान अमेरिका में रोजगार के आगामी आंकड़ों से प्रभावित होगा।