देश की 18 वीं लोकसभा के लिए 7 चरणों में चुनाव अगले महीने से होने वाले हैं। आचार संहिता लागू होते ही सभी राजनीतिक दल अपनी-अपनी तैयारियों में जुट गए हैं। भाजपा को अपने गठबंधन एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) से पिछले चुनाव की तुलना में इस बार बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है। जहां तक 2019 के लोकसभा चुनाव की बात है, तब एनडीए ने 10 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में जीत का परचम लहराया था। 2019 के चुनाव में भाजपा के गठबंधन ने इससे पिछले चुनाव 2014 के अपने प्रदर्शन को दोहराया था। नॉर्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक अलायंस (एनईडीए) के अपने घटक दलों के साथ पूर्वोत्तर राज्यों के क्षेत्रीय दलों के साथ एनडीए के राजनीतिक गठबंधन ने सिक्किम, नागालैंड और मिजोरम में भी चुनाव जीता था। बीते चुनाव में भाजपा ने उत्तरी, पूर्वी और पश्चिमी भारत में लगभग 50 प्रतिशत वोट शेयर के साथ शानदार जीत की अपनी उपलब्धि दोहराई।
लगातार दूसरी बार सत्ता में आने वाली पहली गैर कांग्रेसी सरकार
इस जीत के साथ एक और उपलब्धि भाजपा के खाते में जुड़ी थी। भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए स्वतंत्र भारत में दूसरा कार्यकाल पाने वाली एकमात्र गैर-कांग्रेसी सरकार बन गई थी। इसी के साथ ही नरेंद्र मोदी जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी के बाद लोकसभा में पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता बरकरार रखने वाले तीसरे प्रधान मंत्री बने थे।