नई दिल्ली: 21 जून को देश में रिकॉर्ड वैक्सीनेशन हुआ। उस दिन देशभर में 85 लाख से ज्यादा वैक्सीन की डोज लगीं। सबसे ज्यादा वैक्सीन मध्य प्रदेश में लगीं। 21 जून को मध्य प्रदेश में 17 लाख से ज्यादा डोज लगीं। उस दिन राज्य में कुल 17,44,657 वैक्सीन की डोज दी गईं। पहली डोज के रूप में 16,57,682 खुराकें दी गईं, जबकि दूसरी डोज के रूप में 86,975 खुराकें दी गईं। लेकिन इसके बावजूद भी इस अभियान पर सवाल उठ रहे हैं।
दरअसल, इससे पहले राज्य में जो वैक्सीन अभियान चल रहा था, उसमें उतनी गति नहीं थी या कहें कि 21 जून के आस-पास भी नहीं थी। जो आंकड़े सामने आए हैं, वो हैरान करने वाले हैं। एक तरफ जहां एमपी में 21 जून को 17 लाख से ज्यादा डोज दी गईं वहीं उससे पहले 20 जून को सिर्फ 692 डोज दी गईं। साथ ही रिकॉर्ड के अगले दिन यानी 22 जून को सिर्फ 4842 डोज दी गईं।
उससे पहले 14 जून को 5 लाख के करीब डोज दी गई थीं, लेकिन 15 जून से इसमें गिरावट शुरू हो जाती है। ऐसे में कई सवाल उठ रहे हैं। क्या सरकार ने सिर्फ रिकॉर्ड बनाने के लिए एक दिन पूरा जोर लगा दिया और बाकी दिन टीकाकरण सामान्य रहा। क्या 21 जून को रिकॉर्ड बनाने के लिए सरकार ने 15 जून से इसमें ढिलाई दे दी थी ताकि रिकॉर्ड बनाने के लिए वैक्सीन रखी जाएं?
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने इस पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया, ‘पिछले 3 दिनों में मध्य प्रदेश में टीकाकरण का चलन: 20 जून: 692,
21 जून: 16.93 लाख, 22 जून: 4842 हम किसे बेवकूफ बनाने की कोशिश कर रहे हैं?’
मंत्री ने इस तरह किया बचाव
इस पर मध्य प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंगी ने जवाब देते हुए कहा, ‘जब से टीकाकरण अभियान शुरू हुआ है, लोगों को कोविड-19 का टीका सप्ताह में चार दिन (सोमवार, बुधवार, गुरुवार और शनिवार) दिया जाता है, और पल्स पोलियो और खसरे के टीके लगाने के लिए दो दिन आरक्षित किए जाते हैं। 21 जून को सोमवार था, और इस दिन हमने एक विशाल सामूहिक टीकाकरण अभियान का आयोजन किया। मंगलवार (22 जून) हमारा टीकाकरण दिवस नहीं है। आप जिस डेटा की बात कर रहे हैं वो केवल निजी अस्पतालों द्वारा किए गए थे।’