शहर की मेन रोड स्थित सुराना ज्वेलर्स के संचालक राकेश सुराना उनकी पत्नी लीना सुराना और 11 वर्ष पुत्र अमय सुराना 22 मई को राजस्थान की जयपुर में जैन दीक्षा लेने के लिए 19 मई सुबह बालाघाट से रवाना हो गए।
आपको बता दें कि एक संभ्रांत परिवार और उच्च शिक्षित पत्नी और एक होनहार पुत्र के साथ सांसारिक जीवन को त्याग कर सुराना परिवार के युवा 40 वर्षीय मुमुक्षु राकेश सुराना, 36 वर्षीय पत्नी मुमुक्षु लीना सुराना और 11 वर्षीय अमय सुराना तीनों एक साथ संयम और अध्यात्म के पथ पर वैराग्य जीवन जीने की ओर चल पड़े है।
22 मई को आध्यात्म योगी महेंद्र सागर जी महाराज से प्रेरित होकर जयपुर में जैन भगवती दीक्षा ग्रहण की जा रही है।
तीनों मुमुक्षुगण गुरुवार की अलसुबह दीक्षा ग्रहण करने के लिए जयपुर के लिए धनराज कंपलेक्स स्थित निज निवास से रवाना हुये, इन्हें विदाई देने नगर का जैन सकल समाज के लोग बड़ी संख्या में पहुंचे और आत्मीय भाव के साथ जैन भगवती दीक्षा लेने के लिए विदाई दी।
जयपुर में तीन दिवसीय कार्यक्रम 20 मई से प्रारंभ हो रहा है जिसमें अध्यात्म योगी महेंद्र सागर जी महाराज के सानिध्य में इनके द्वारा जैन भागवती दीक्षा ली जाएगी। इसमें खास बात यह है कि बालाघाट जिले से पहली बार 11 वर्षीय बालक अमय सुराना जैन मुनि की दीक्षा ले रहे हैं।
इस अविस्मरणीय पल के साक्षी बनने बालाघाट जिले से करीब 4 सैकड़ा लोग जयपुर के लिए जा रहे हैं अभी तक करीब 2 सैकड़ा लोग रवाना हो चुके हैं।
इस उपलक्ष में बालाघाट से जैन समाज द्वारा दीक्षार्थी परिवार के अभिनंदन के लिए संयम शौर्य उत्सव का आयोजन 16 मई से किया गया था। इस दौरान विविध कार्यक्रम आयोजित किए गए थे वही 17 मई की सुबह नगर में भव्य वर्षीदान वरघोड़ा भी निकाला गया था।