इंदौर: शहर के एक निजी अस्पताल में 90 लाख रुपए का बड़ा घोटाला सामने आया है। अस्पताल के एचआर एग्जीक्यूटिव, वैभव पारे, ने अपने दो साथियों के साथ मिलकर 200 फर्जी कर्मचारियों के नाम पर सैलरी निकाल ली। वैभव ने लगभग एक साल तक यह फर्जीवाड़ा किया और पैसे अपने दोस्तों, रिश्तेदारों और यहां तक कि अपनी गर्लफ्रेंड के अकाउंट में ट्रांसफर किए। इन पैसों आरोपी ने अपनी गर्लफ्रेंड को एक्ट्रेस के कपड़े भी नीलामी में दिलाए। अस्पताल प्रशासन को जब इस गड़बड़ी का पता चला तो उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
अक्टूबर 2023 में घोटाले की शुरुआत
इंदौर के एक बड़े निजी अस्पताल में हुए इस घोटाले की शुरुआत अक्टूबर 2023 में हुई थी और यह नवंबर 2024 तक चलता रहा। एचआर एग्जीक्यूटिव वैभव पारे ने अपने दो साथियों, हिमांशु ठाकुर और दो अन्य के साथ मिलकर यह फर्जीवाड़ा किया। वैभव ने 150 से 200 अस्थायी कर्मचारियों की फर्जी नियुक्ति दिखाकर उनके नाम पर सैलरी जेनरेट की और पैसे अपने करीबियों के खातों में ट्रांसफर कर दिए।
अस्पताल ने करवाई जांच
अस्पताल प्रशासन को जब अपने कर्मचारियों की संख्या और दी जाने वाली सैलरी में अंतर दिखाई दिया तो उन्होंने अपनी विजिलेंस टीम से जांच करवाई। जांच में इस पूरे मामले का खुलासा हुआ और अस्पताल प्रशासन ने बाणगंगा पुलिस थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई।