3 साल में 3 बच्चों की मौत छुपा गया इंदौर का आश्रम, जांच के लिए पहुंची NCPCR की टीम ने किया खुलासा

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शहर के आश्रम में संदिग्ध हैजा से छह बच्चों की मौत हो गई थी। इस घटना के लगभग एक हफ्ते बाद राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने शनिवार को संस्थान का दौरा किया और कहा कि आश्रम प्रबंधन पिछले तीन वर्षों में तीन बच्चों की मौत की रिपोर्ट करने में विफल रहा है। इन 3 बच्चों में 11 वर्षीय अंकित गर्ग शामिल नहीं है, जिसकी मृत्यु 29 जून को हुई थी।

हमारे सहयोगी अखबार टाईम्स ऑफ इंडिया ने बताया था कि श्री युगपुरुष धाम बौधिक विकास केंद्र अधिकारियों को अंकित की मौत की रिपोर्ट करने में विफल रहा था। आश्रम ने 30 जून को शव को उसके माता-पिता को सौंप दिया, जिससे शव परीक्षण के बिना दफनाने की अनुमति मिल गई।

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने इस घटना का स्वत: संज्ञान लिया और मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव से जवाब मांगा। इसके एक दिन बाद आयोग की सदस्य और भाजपा पदाधिकारी डॉ. दिव्या गुप्ता के नेतृत्व में एनसीपीसीआर की तीन सदस्यीय टीम ने शनिवार को आश्रम का दौरा किया।

गुप्ता ने संवाददाताओं को बताया कि हम सभी दस्तावेजों की जांच कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ‘हमने पिछले तीन वर्षों के आश्रम के रिकॉर्ड एकत्र किए। 2022, 2023 और 2024 में तीन मौतें हुईं। आश्रम ने मौतों की रिपोर्ट न करने के लिए अलग-अलग कारण बताए, उनमें से एक कर्मचारियों की कमी थी। एक मामले में धार कलेक्टर के कहने पर एक बच्चे को भर्ती कराया गया। आश्रम ने कलेक्टर को तो मौत की सूचना दे दी, लेकिन बाल कल्याण समिति को नहीं बताया।’

एनसीपीसीआर ने जांच के लिए उपचार कार्यक्रम, प्रवेश रिकॉर्ड और कंप्यूटर हार्ड डिस्क एकत्र किए हैं। डॉ गुप्ता ने कहा, ‘छह बच्चों की मृत्यु हो गई (हाल ही में) और 90 को अस्पताल में भर्ती कराया गया। पांच अभी भी आईसीयू में हैं। कई बच्चों को छुट्टी दे दी गई है।’

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