38 करोड़ की नल जल योजना के बावजूद, बूंद-बूंद पानी को तरस रहे वार्डवासी

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एक ओर शासन प्रशासन द्वारा “घर-घर नल”- “घर घर जल” का वादा कर नगरी क्षेत्र के लोगों को 24 घंटे पेयजल उपलब्ध कराए जाने का दावा किया जा रहा है। तो वहीं दूसरी ओर बालाघाट नगर पालिका, नगरी क्षेत्र के कुछ हिस्सो में ढग से एक वक्त का शुद्ध पानी भी उपलब्ध नहीं करा पा रही है । वही नगरी क्षेत्र के कुछ लोग बूंद-बूंद पानी को तरस रहे हैं। कहने का तो नगरपालिका में दो-दो नल योजना संचालित है लेकिन करोड़ों रुपए की दोनों नल जल योजना भी पर्याप्त और शुद्ध पानी की पूर्ति नहीं कर पा रही है और लोगों को पीने के पानी के लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा है। ताजा मामला नगर के वार्ड नंबर 2 का है जहां पिछले 2 वर्षों से 38 करोड़ की नल जल योजना वाले पाइप लाइन बिछाकर घर घर नल और मीटर तो लगा दिए गए हैं । लेकिन आज तक वार्डवासियों को उस पाईपलाईन से एक बूंद पानी तक नहीं मिल पाया है वहीं वार्ड वासी बिना पानी लिए ही नगर पालिका में प्रतिमाह नल टैक्स जमा कर रहे हैं। जिस पर अपना आक्रोश जताते हुए वार्ड वासियों ने 4 दिनों के भीतर उनके वार्ड में नई पाइप लाइन से पानी सप्लाई किए जाने की मांग की है जहां मांग पूरी ना होने पर चक्काजाम आंदोलन कर, नपा का घेराव किए जाने की चेतावनी दी है।

नगर वासियों को 24 घंटे शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए लगभग 7 वर्ष पूर्व नगर में 38 करोड़ रु की लागत से जल आवर्धन योजना शुरू की गई थी पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष रमेश रंगलानी के कार्यकाल से शुरू हुई यह योजना निवर्तमान नपा अध्यक्ष अनिल धुवारे के कार्यकाल समाप्त होने के 3 वर्ष बीत जाने के बाद भी पूर्ण नहीं हो पाई है।
वही नगरपालिका की नई सरकार ने भी अपने6 माह का कार्यकाल पूरा कर लिया है बावजूद इसके भी यह योजना अब भी अधूरी है। योजना के तहत शहर भर में आधा दर्जन पानी की टंकियों का निर्माण किया गया था लेकिन योजना का यह कार्य पूर्ण होने से बनाई गई पानी की टंकी भी शोपीस बनी हुई है शासन ने शहरी क्षेत्र के लोगों को 24 घंटे पानी देने के लिए करोड़ों रुपए तो लगा दिए लेकिन करोड़ों रुपए फूकने के बाद भी योजना सफल नहीं हो पाई है जिसको लेकर लोगों में नाराजगी देखी गई है। ऐसे में सवाल उठना लाजमी है कि जब नगर में 38 करोड़ की जल आवर्धन योजना के तहत 24 घंटे पानी सप्लाई करने की सुविधा है तो फिर सभी नगर वासियों को पानी की सप्लाई क्यों नही की जा रही है?।वही सबसे बड़ा सवाल ये है कि वार्डवासियों को बूंद बूंद पानी के क्यो तरसना पड़ रहा है तो फिर नगर में संचालित 38 करोड़ रु की जल आवर्धन योजना आखिर किस काम की है। यही सभी सवाल नगर पालिका की कार्यप्रणाली पर एक बड़ा प्रश्न चिन्ह लगाते हैं।

वार्ड वासियों के अनुसार नई जल आवर्धन योजना से उन्हें आज तक पानी नहीं मिला है योजना के तहत घर-घर पाइप लाइन बिछाकर नल लगाए गए हैं नल में मीटर लगाने का पैसा भी वसूल लिया गया है लेकिन आज तक एक बूंद पानी नहीं दिया गया वार्ड वासी बताते हैं कि उन्हें आज तक पानी नहीं मिला है बावजूद इसके भी नगरपालिका उनसे टैक्स वसूल रही है सवाल ये उठता है कि जब ठंड के दिनों में नगर की जनता पानी के लिए त्राहि-त्राहि हो रही है तो फिर भीषण गर्मी में नगर की जनता के क्या हाल होंगे इसकी परवाह नगरपालिका के जिम्मेदार पदाधिकारियों को नहीं है

बताया जा रहा है कि अब तक कई घरों में नए पाइपलाइन के कनेक्शन नहीं हुए हैं, तो वहीं कई घरों में अब तक मीटर नहीं लग पाए हैं। इसके अलावा कई घरों में नल और मीटर लगने के बावजूद भी पानी की सप्लाई नहीं हो पा रही है। जिसके चलते कई वार्ड वासी किसी दूसरे के घर से पानी लाने को मजबूर हैं तो वहीं कई लोगों को कुएं और बोरिंग के भरोसे पानी की आपूर्ति करनी पड़ रही है। जिसपर अपनी नाराजगी जताते हुए वार्ड वासियों ने उन्हें दोनों पाइपलाइन से 24 घंटे पानी की सप्लाई किए जाने की मांग की है। जिन्होंने मांग पूरी ना होने पर नपा का घेराव किए जाने की चेतावनी दी है। ।

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