41 हजार किसान हो सकते है प्रभावित,सहकारिता बैंक से लिया ऋण जमा नहीं किया पैसा !

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प्री मानसून बारिश और मानसून की दस्तक के साथ ही जिले के किसानों ने खेती के कार्य शुरू कर दिए हैं। इस बीच सहकारिता बैंक से लोन लेने वाले ऐसे किसान जिन्होंने समय पर लोन की राशि जमा नहीं की या फिर कालापित्त हो गए हैं उन्हें खाद बीज की चिंता सता रही है। ऐसे ही हालात बने रहे तो जिले के 41 हजार किसानों को शासन के सहकारिता विभाग की नीति का लाभ नहीं मिल पाएगा।

उल्टा इन किसानों को शुरुआत में 7 प्रतिशत और बाद में 12 प्रतिशत ब्याज दर के हिसाब से सहकारिता समिति और अन्य स्थानों से लिया गया लोन का पैसा जमा करना होगा। यही नहीं वर्तमान समय में खरीफ की फसल के लिए सोसायटी ओं से खाद और बीज भी उपलब्ध नहीं हो पाएगा।

इस विषय पर जब हमने जिला सहकारी केंद्रीय मर्यादित बैंक की मुख्य शाखा के फील्ड अधिकारी अधिकारी चर्चा की तो उन्होंने विस्तार से पूरी जानकारी कुछ इस प्रकार से दी।

दरअसल जिले के भीतर पूर्व में ही 28000 किसान काला फिट हो चुकी है मतलब ऋण का पैसा समय पर अदायगी नहीं करने की वजह से उन्हें काला पिक सूची में डाल दिया गया है जिस कारण उन्हें सहकारिता समिति की योजनाओं का लाभ नहीं दिया जाता।

वहीं दूसरी ओर रबी और खरीफ के दौरान जिले के भीतर 1 लाख 9 हजार किसानों को 3 सौ 12 करोड़ का ऋण दिया गया। खरीफ और रबी में दिए गए ऋण के दौरान 13 हजार किसानों ने अभी जमा नहीं किया। अब तक 3 सौ 8 करोड़ रुपिये की वसूली हुई। यह वसूली लगभग 70 प्रतिशत हुई है।

रबी का ऋण जमा करने की अंतिम तारीख 15 जून 2022 है। तय तारीख तक यदि किसान ऋण जमा करते हैं तो वह 0 प्रतिशत ब्याज का लाभ ले सकते हैं। 15 जून तक यदि ऋण जमा नहीं करते तो 7 प्रतिशत और उसके बाद 12 प्रतिशत ब्याज लगेगा। इस दौरान बता दे कि 28 हजार किसान कालापित और 13 हजार किसान रबी के ऋणी है जिनकी कुल संख्या 41 हजार है।

वहीं दूसरी और सहकारिता विभाग खरीब के लिए ऋण वितरण का कार्य सहकारिता बैंक द्वारा शुरू कर दिया गया है जो जिले की भीतर 65 करोड़ वितरण हो चुका है। कालापित किसानों के लिए ब्याज माफ करने की अब तक शासन द्वारा कोई नीति नहीं आई है यदि कोई नीति आती है तो उस पर काम किया जाएगा।

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