Gwalior Environment News: अजय उपाध्याय । वन अमला आने वाले सालों में पांच लाख खैर की पौध लगाएगा। जिससे खैर का जंगल विकसित हो सके। यह पौधारोपण 1800 हेक्टेयर भूमि पर किया जाएगा। पूर्व में वन में सबसे अधिक खैर के पेड़ हुआ करते थे, मगर शहराें के विस्तार के साथ ही वन की कटाई हुई आैर खैर के पेड़ काट दिए गए। जिससे अब जंगल में खैर के बड़े पेड़ लगभग समाप्त हो चुके हैं। अब खैर के छोटे-छोटे पेड़ जरूर देखने में आते हैं। वन विभाग का कहना है कि यहां की जमीन खैर के पेड़ के लिए अधिक उपयुक्त है। ऐसे में यदि खैर की पौध लगाकर उनका रखरखाव किया जाए तो एक बार फिर से खैर का जंगल विकसित हो सकता है। यह किसानों से लेकर वन क्षेत्र में रहने वाले लेागों के लिए आमदनी का साधन भी बनेंगे और वातावरण को स्वच्छ वातावरण भी प्रदान करेंगे। वन विभाग की माने ताे अंडमान निकोबार में वन की 20 हजार हैक्टेयर भूमि सेना ने ली थी। जिसके एवज में केंद्र सरकार ने प्रदेश में 40 हजार हैक्टेयर भूमि वन विभाग को सौंपी है, जिस पर पौधारोपण कर वन विकसित किए जाएगा। जिसमें से 1800 हेक्टेयर भूमि ग्वालियर वन विभाग को मिली है, जहां पर अब पौधारोपण किया जाना है। वन विभाग इस भूमि पर करीब पांच लाख खैर की पौध लगाएगा।
शहर के आसपास भी लगेगा खैर का जंगलः वन विभाग की छह हजार हेक्टेयर भूमि शहरी सीमा में आती है। वन विभाग का मानना है यदि शहर की सीमा में आने वाली भूमि पर खैर का जंगल लगाया जाए तो उसका रखरखाव व देखरेख आसानी से होती रहेगी। इसलिए नगर निगम सीमा में आने वाले स्थानों पर भी खैर की पाैध राैंपी जाएगी।कत्था बनाने के काम में आता है खैरः खैर के पेड़ से कत्था बनाया जाता है, जो पान के साथ खाने के अलावा औषधि में भी उपयोगी है। इसलिए खैर के पेड़ की लकड़ी उपयोगी होने के साथ कीमती भी है। यही कारण है कि ग्वालियर अंचल में सबसे ज्यादा खैर के वृक्ष होने के बाद भी आज देखने को कम ही मिलते हैं। खैर की पौध लगाने के पीछे वन विभाग का उद्देश्य यह है कि इस पौध के लिए जमीन उपयोगी होने के साथ वातावरण भी इस पौध के लिए उपयोगी है। 1 लाख 56 हजार हेक्टेयर का जंगल हैः ग्वालियर वन विभाग के पास एक लाख 56 हजार हेक्टेयर भूमि पर जंगल है। जिसमें 35 हजार हेक्टेयर भूमि पर सौनचिरैया अभ्यारण्य है। करीब सवा लाख हेक्टेयर पर वन अमला पौधारोपण करने के साथ जंगली जानवरों की देखरेख करता है। इसमें से कई स्थानों पर अवैध उत्खनन के चलते जंगल काटे जा रहे हैं। जिसको ध्यान रखते हुए पौधारोपण कर जंगल को बचाने का प्रयास सरकार कर रही है।
वर्जन-अंडमान निकोबार में वन भूमि अधिगृहण करने के बदले में केंद्र सरकार ने प्रदेश में जमीन उपलब्ध कराई है। अब प्रदेश में उसकी दो गुनी भूमि पर पौधारोपण किया जा रहा है। ग्वालियर में 1800 हेक्टेयर भूमि पर पौधारोपण होना है। वन विभाग इस भूमि पर करीब 5 लाख खैर के पाैधे लगाए जाएंगे। क्योंकि खैर के पेड़ के लिए यह वातावरण अधिक उपयोगी है।