500-1000 की पेंशन में नही होता गुजारा

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मंगलवार 23 जुलाई से लोकसभा का बजट सत्र शुरू होना है। ऐसे में केंद्र सरकार के अधीनस्थ आने वाले विभिन्न विभागों के अधिकारियों कर्मचारियों के संगठन सहित सेवानिवृत्ति संगठन अपनी मांगों को मनवाने के लिए प्रयासरत है।जहां वे वर्षों से लंबित अपनी विभिन्न मांगों को पूरा करने के लिए जहां-तहा ज्ञापन सौपकर उनकी लंबित मांगों को सत्र में शामिल कर उसे पूरा किए जाने की गुहार लगा रहे हैं। इसी कड़ी में मध्य प्रदेश राज्य परिवहन निगम पेंशनधारी कर्मचारी समन्वय समिति ने भी ई.पी.एस.95 पेंशन भोगी कर्मचारियों की पेंशन बढ़ाई जाने की मांग की है।जिन्होंने अपनी इस मांग को लेकर सांसद श्रीमती भारती पारधी से मुलाकात कर इस बजट सत्र में उनकी इस मांग को रख, उनकी पेंशन जल्द से जल्द बढाए जाने के साथ-साथ सभी सेवानिवृत्त कर्मचारियों को महंगाई भत्ता भी बढ़ा कर दिए जाने की मांग की है ।जहां उन्होंने अपनी इस मांग को लेकर ज्ञापन सौंपते हुए वर्षों से लंबित उक्त मांग को यथाशीघ्र पूरी किए जाने की गुहार लगाई है।ज्ञापन में मप्र राज्य परिवहन निगम पेंशनधारी कर्मचारियों ने स्पष्ट कर दिया है कि उन्हें महज 500 से 1000 रुपए के बीच पेंशन दी जाती है और इस आसमान छूती हुई महंगाई में 1000-500 रु की पेंशन से उनका गुजारा नहीं हो पा रहा है। जिसके चलते उन्होंने 500 और 1000 रुपए के तौर पर मिलने वाली पेंशन को बढ़ाकर 9000 रु किए जाने और अलग से महंगाई भत्ता बढ़ाएं जाने सहित वर्षों से लंबित अपनी अन्य मांगों को पूरी किए जाने की गुहार लगाई है। इस दौरान रविंद्र कुमार जैन, रंग बहादुर सिंह, सुरेश सिंह ,आर के जैन, थान सिंह बैस, शिव शंकर चंदेल,पाल सिंह राजपूत ,करण सिंह, मानसिंह ,हामिद खान, बसंत विश्वकर्मा काशी सराठे सहित अन्य पदाधिकारी सदस्य प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

इतनी पेंशन मिले की हम सम्मान पूर्वक जीवन जी सके- अशोक सराठे
ज्ञापन को लेकर की गई चर्चा के दौरान मप्र राज्य परिवहन निगम पेंशनधारी कर्मचारी समन्वय समिति जबलपुर सम्भाग अध्यक्ष अशोक सराठे ने बताया की देश में लगभग 38 से 40 लाख ई.पी.एस. 95 के पेंशनर है जिन्हें महज 500, 700 या 1000 रु पेंशन दी जाती है।जिससे हम पेंशनर्स का गुजारा नही हो पाता।इतनी भीषण महगांई में इतनी कम पेंशन पर जीवनयापन करना अत्यन्त कठिन हो गया है। देश में हम सभी राज्यों के कर्मचारियों ने विभिन्न राज्यों के सरकारी संस्थाओं में नौकरी की है, जिसमें प्रतिमाह अपने वेतन से एक निश्चित राशि भविष्य निधि खाते में हमारे द्वारा जमा की गई थी, किन्तु सेवा निवृत्ति उपरान्त हमें इतनी कम पेंशन राशि दी जा रही है।जिसमे दवाइयों तक का खर्च नही निकल पाता।इसलिए आज हमने ज्ञापन सौपकर 23 जुलाई से संसद में शुरू हो रहे बजट सत्र में हमारी पेंशन 9000 के साथ ही महगांई भत्ता प्रतिमाह बढ़ाये जाने की मांग की है।हमारी मांग है कि हमे इतनी तो पेंशन मिले की समाज में इस उम्र में हमलोग सम्मान पूर्वक जीवन जी सके।

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