कोरोना संक्रमण काल के दौरान मध्यप्रदेश शासन ने 1 करोड़ 30 लाख रुपिये खर्च कर जिला अस्पताल में 14 बिस्तर का आईसीयू तैयार किया। जरूर इस समय इस पर कई सवाल उठे। लेकिन धीरे-धीरे ही सही जिला अस्पताल में कार्यरत चिकित्सकों की मेहनत रंग लाई और इस आईसीयू का लाभ जिलेवासियों को मिलना शुरू हो गया है। इसी की बानगी यह है कि एक 62 वर्षीय बुजुर्ग जिन्हें बीपी डायबिटीज की परेशानी थी। ऑक्सीजन लेवल 62 प्रतिशत हो चुका था। इसके बाद भी उन्होंने कोरोना के विरुद्ध जंग जीत ली।
जिला अस्पताल में आईसीयू वार्ड प्रभारी डॉ भजन लिल्हारे ने बताया कि 25 दिसंबर को किरनापुर निवासी मोतीराम डाहके उम्र 62 वर्ष जिला अस्पताल के डीआईसी केंद्र में कोरोना के लक्षण होने पर भर्ती किया गया था।
26 दिसंबर को उनकी जांच करने पर उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई इसके साथ ही श्री डाहके ऑक्सीजन लेवल बहुत तेजी से गिरने लगा। जिसे देखते हुए उन्हें तत्काल आईसीयू वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया। 24 घंटे ऑब्जरवेशन किया गया। लगातार ऑक्सीजन लेवल पर नजर रखी गई उम्र के साथ-साथ बड़ी परेशानी यह भी थी कि श्री डाहके के बीपी डायबिटीज के पहले से मरीज थे। इस दौरान उनका ऑक्सीजन लेवल भी 60 प्रतिशत तक आ गया था।
बावजूद इसके लगातार जांच और बेहतर इलाज के साथ ही श्री डाहके द्वारा इलाज के दौरान पूरी तरह से मदद करने का नतीजा है, कि 4 जनवरी की सुबह उन्हें पूरी तरह ठीक होने पर अस्पताल से डिस्चार्ज कर घर भेज दिया गया है।