मध्यप्रदेश शासन गृह मंत्रालय द्वारा खेल में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को खेल कोटे से सीधी भर्ती प्रक्रिया के तहत आरक्षक और एसआई बनाने का ऐलान किया गया है। जिसके बाद से जिले में भी नेशनल स्तर पर पदक जीत चुके या फिर नेशनल टीम में खेलने वाले नेशनल खिलाड़ियों के भीतर आरक्षक से लेकर एस आई बनने की चाह बढ़ गई है।
हालांकि शासन द्वारा 1 फरवरी को नोटिफिकेशन जारी किया गया है लेकिन खिलाड़ियों को यह समझ नहीं आ रहा कि उन्हें व्यक्तिगत मेडल जीतने पर भर्ती में मौका मिलेगा या फिर नेशनल टीम में खेलने पर मौका मिलेगा।
वही कुछ खिलाड़ी बताते हैं कि नेशनल लेवल पर खेलने या पदक जीतने पर उसकी मान्यता 2 साल तक रहती है ऐसे में शासन इस भर्ती के दौरान किस तरह का नियम लागू करता है या स्पष्ट नहीं है।
हॉकी की प्रशिक्षक बताती हैं कि मध्यप्रदेश शासन द्वारा एक अच्छी पहल की गई है। उत्कृष्ट खिलाड़ियों को शासकीय नौकरी में मौका दिया जा रहा है। क्योंकि अब तक देखा गया है माता-पिता पढ़ाई को तवज्जो देने की वजह से बच्चों को आगे खेलने नहीं देते थे। लेकिन अब शायद विचारधारा बदल जाएगी। जिससे और प्रदेश को और अच्छे ख़िलाड़ू मिलेंगे।
कराते प्रतियोगिता में नेशनल प्रतियोगिता में कांस्य पदक जीतने वाली माया ठाकरे बताती है कि खेल विभाग में उनकी पूरी सूची है। वे चाहती है कि खेल विभाग से ही उनके नाम जाए।
खेल एवं युवक कल्याण विभाग में कराते प्रशिक्षक के अनुसार शासन की नीति बहुत अच्छी है लेकिन इस दौरान इसमें कुछ भेदभाव दिखाई देता है जो इस प्रकार से है।
निश्चित ही मध्यप्रदेश शासन ने उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को सीधी भर्ती से नौकरी देने की योजना बनाई है। लेकिन उसकी नीति स्वयं खिलाड़ी और खेल से जुड़े जानकारों को समझ में नहीं आ रही। जिससे शासन को अपनी नीति को और अधिक स्पष्ट करना होगा।