सरेखा रेलवे क्रॉसिंग पर बन रहे ओवरब्रिज और अंडरपास का काम इन दिनों काफी धीमी रफ्तार से चल रहा है भले ही यह माना जा रहा था कि लोकसभा चुनाव को देखते हुए कार्य की रफ्तार धीमी चल रही थी और कलेक्टर गिरीश कुमार मिश्रा द्वारा भी पिछली बार अपने बयान में कहा गया था कि चुनाव के बाद निर्माण कार्य रफ्तार पकड़ेगा तो वही विकल्प के रूप में डायवर्ट किया हुआ मार्ग नवेगांव रेलवे अंडरपास के पास से गोंगलाई धान मंडी तक काफी अधिक खस्ताहाल हो चुका है एवं सड़कों पर बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं और यह मार्ग अब भारी वाहनों का दबाव नहीं झेल पा रहा है ,जबकि बीते दिनों अधिकारी एवं कलेक्टर गिरीश कुमार मिश्रा द्वारा इस मार्ग का निरीक्षण भी किया गया था और अधिकारी कर्मचारी को निर्देश भी दिए गए थे कि मार्ग पर तुरंत ही कार्य किया जाए किंतु कलेक्टर के भी आदेशों का पालन अभी तक नहीं हुआ है और मार्ग की स्थिति दिन प्रतिदिन बिगड़ते जा रही है तो वहीं अंडरपास बनने की भी दी गयी गाइडलाइन खत्म हो रही है पर अंडर पास कब बनेगा यह कहा नहीं जा सकता
आपको बतादे की एक महीने से शासकीय अमला आदर्श आचार संहिता के पालन और चुनावी कार्याें में व्यस्त रहा, जिसके कारण कई निर्माण कार्य रुके रहे। पहले चरण का लोकसभा चुनाव जिले में शांतिपूर्ण हो चुका है। अब आम जनता की आस अधूरे कामों के पूरा होने की है। खासकर सरेखा रेलवे आेवरब्रिज से जुड़े अधूरे कामों को पूरा होने व सुधार कार्य की ज्यादा जरूरत है। क्योंकि इससे रोजाना सैकड़ों लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ओवरब्रिज निर्माण के दौरान भारी वाहनों के लिए बनाए गए बायपास मार्ग की हालात दिनों-दिन खराब होती जा रही है। नवेगांव स्कूल के सामने से बायपास के रूप में बनाए गए इस वैकल्पिक मार्ग में रेलवे अंडरपास के बाद से गोंगलई कृषि मंडी तक सड़क की हालत बेहद खराब है। रोज भारी वाहनों की आवाजाही से रोड की हालत और खराब हो रही है, जिससे न सिर्फ वाहन चालकों को परेशानी उठानी पड़ रही है बल्कि अगल-बगल में रहने वाले लोगों को दिनभर धूल के गुबार का सामना करना पड़ रहा है। इससे उनकी सेहत पर भी असर पड़ रहा है।
कलेक्टर के कई आदेशों का नही हुआ पालन –
सरेखा रेलवे ओवरब्रिज निर्माण के वक्त प्रशासन ने गोंदिया की दिशा से आने वाले भारी वाहनों के गुजरने के लिए नवेगांव से गोंगलई, गायखुरी, जागपुर घाट रोड, डेंजर रोड होते हुए बायपास मार्ग घोषित किया था। इस मार्ग की स्थिति सुधारने और सुधार की जरूरत को परखने के लिए तीन-चार बार प्रशासनिक अधिकारियों ने दल-बल के साथ इस मार्ग पर निरीक्षण भी किया और संबंधित विभागों को मार्ग सुधारने के लिए निर्देशित भी किया था, लेकिन कलेक्टर के कई आदेशों का अब तक सही ढंग से पालन नहीं हो सका है। नवेगांव स्कूल से करीब 200 मीटर दूर रेलवे अंडरपास ब्रिज के बाद से गाेंगलई मंडी तक सड़क की हालत खस्ताहाल हो चुकी है। सड़क पर बने बड़े-बड़े गड्ढे, उखड़ चुकी गिट्टी हादसों का कारण बन रही है। बैठकों में इसे लेकर उच्च अधिकारियों ने सुधार कार्य की जरूरत महसूस तो की, लेकिन अपनी कथनी को करनी में अब तक नहीं बदल सके।
नही बन पायेगा 15 मई तक अंडरपास –
सरेखा रेलवे ओवरब्रिज से जुड़ा एक और काम आम लोगों के साथ प्रशासन के लिए भी महत्वपूर्ण है। वह है अंडरपास का बनना, लेकिन अंडरपास निर्माण की मौजूदा गति बताती है कि 15 मई तक इसका तैयार होना मुश्किल है। बता दें कि रेलवे इंजीनियर विभाग के अधिकारियों ने सरेखा अंडरपास को 15 मई तक पूरा करने का दावा किया है। इससे पहले भी अलग-अलग समय पर रेलवे इंजीनियरों ने अंडरपास तैयार करने के दावे किए थे, जो अब तक विफल साबित हुए हैं। जिला कलेक्टर ने पूर्व में किए निरीक्षण के दौरान रेलवे इंजीनियरों को 30 अप्रैल तक की मोहलत दी थी, लेकिन आने वाले आठ दिनों में ये काम होना असंभव है। वहीं, रेलवे इंजीनियरों ने कुछ दिन पहले 15 मई तक काम खत्म करने की बात कही थी। ये डेडलाइन भी पूरी होती दिखाई नहीं दे रही है।
अंडरपास बनना और बायपास मार्ग की प्रमुख है आवश्यकता –
ओवरब्रिज निर्माण की रफ्तार से लोग संतुष्ट हैं। अगर काम यही रफ्तार रही तो सालों से शहर में रेलवे ओवरब्रिज का सपना जून 2025 में पूरा हो सकता है, लेकिन लोगों का कहना है कि राहगीरों की सहूलियत और शहर की अच्छी यातायात व्यवस्था के लिए जल्द से जल्द अंडरपास बनाने के साथ जर्जर बायपास मार्ग को सुधारना चाहिए। वही आने जाने वाले लोगो ने बताया कि अब तक अंडरपास का काम पूरा हो जाना चाहिए था, लेकिन ये अब तक नहीं हुआ है। अंडरपास बनने से बायपास मार्ग पर यातायात का दबाव थोड़ा कम होगा। लोगों का कहना है कि जब प्रशासन ने नवेगांव, गोंगलई, डेंजर रोड को वैकल्पिक मार्ग बनाया था, तो पहले इसे दुरुस्त किया जाना चाहिए था। बायपास मार्ग में प्रशासन ने कहीं काम कराया है, तो कहीं सड़क की खराब हालत अब भी जस की तस है। इस संबंध में कलेक्टर डा गिरीश कुमार मिश्रा से संपर्क किया गया, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका।