सोने की कीमत रेकॉर्ड स्तर पर है लेकिन इसके बावजूद चीन में सरकार और आम लोग जमकर सोना खरीद रहे हैं। चीन में गोल्ड ट्रेडिंग वॉल्यूम पिछले साल के एवरेज के मुकाबले 400% बढ़ गया है। पिछले हफ्ते शंघाई फ्यूचर्स एक्सचेंज पर ट्रेडिंग के पीक टाइम पर गोल्ड में ट्रेडिंग एक्टिविटी 13 लाख लॉट पहुंच गई थी। यह स्थिति तब है जबकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सोने की कीमत 2,400 डॉलर प्रति ओंस के पार निकल चुकी है। पिछले साल चीन के सेंट्रल बैंक ने 225 टन से अधिक सोना खरीदा। साथ ही चीन के लोगों में भी सोना खरीदने की होड़ मची है। इस कारण सोने की कीमत में काफी तेजी दिखी है। पिछले साल अक्टूबर से सोने की कीमत में 30% तेजी आई है। सवाल यह है कि आखिर चीन में सोने की लूट क्यों मची है?
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक चीन का सेंट्रल बैंक तेजी से अपना गोल्ड रिजर्व बढ़ा रहा है। चीन के गोल्ड रिजर्व में मार्च में लगातार 17वें महीने तेजी आई है। सेंट्रल बैंक के साथ-साथ चीन के लोग भी जमकर सोना खरीद रहे हैं। चीन दुनिया में सोने का सबसे बड़ा खरीदार है। सोने की कीमत में तेजी के बावजूद वहां के लोग जमकर कॉइन, बार और जूलरी खरीदने में लगे हैं। देश की इकॉनमी कई मोर्चों पर संघर्ष कर रही है। स्टॉक मार्केट और प्रॉपर्टी सेक्टर का बुरा हाल है। यही वजह है कि चीन के लोग अपनी वेल्थ बचाने के लिए अब गोल्ड में भारी निवेश कर रहे हैं। कुछ एनालिस्ट्स का कहना है कि वे डॉलर में गिरावट की उम्मीद में गोल्ड में इन्वेस्टमेंट कर रहे हैं।